लखनऊ: टीचर और स्टूडेंट के बीच का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता माना जाता है. एक टीचर स्टूडेंट को जिंदगी में सही-गलत के फैसले लेने के बारे में सिखाता है.
लखनऊ: टीचर और स्टूडेंट के बीच का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता माना जाता है. एक टीचर स्टूडेंट को जिंदगी में सही-गलत के फैसले लेने के बारे में सिखाता है. टीचर पढ़ाई के अलावा भी कई तरह की बातें सिखाता है. कह सकते हैं कि माता-पिता के बाद टीचर ही अहम भूमिका निभाता है, लेकिन जब टीचर अपनी मर्यादा तोड़ देता है तो स्टूडेंट की गरिमा भी टूट जाती है.
रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला बलरामपुर के वाड्रफनगर ब्लॉक के माध्यमिक विद्यालय का है, यहां बच्चों को एल्बेंडाजोल टैबलेट दिया जा रहा था, लेकिन टैबलेट खाने के लिए पानी नहीं दिया जा रहा था. ऐसे में 7वीं की एक छात्रा ने टैबलेट खाने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल से पानी मांगा. इस बात से खफा होकर प्रिंसिपल ने सबसे पहले छात्रा को नाले का पानी पीने को कहा. इनता ही नहीं सबके सामने अपना पेशाब पीने को भी कहा.
इसके बाद रोते हुए उसने घर आई और अपने घरवालों को पूरी बात बताई. जब यह मामला सरपंच के पास पहुंचा तो तूल पकड़ लिया. इसके बाद शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल में पहुंचकर मामले की जांच की. जांच में पूरी बात सही निकली. छात्रा से अभद्र भाषा में बात करने पर प्रिंसिपल रामकृष्ण त्रिपाठी को कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया गया है. आपको बता दें कि इससे पहले प्रिंसिपल रामकृष्ण त्रिपाठी ने स्कूल में हिडेन कैमरा लगाया था और इस मामले में भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है.
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