नई दिल्ली। दुनिया में कभी भी और कुछ भी हो सकता है। हाल ही पता चला है कि एक सात साल का बच्चा ऑटिज्म का रोगी था। जिसकी अचानक से दिल का दौरा पड़ने की वजह मौत हो गई। लेकिन इससे भी ज्यादा जो बात हैरान करती है वो ये कि उस बच्चे की मौत […]
नई दिल्ली। दुनिया में कभी भी और कुछ भी हो सकता है। हाल ही पता चला है कि एक सात साल का बच्चा ऑटिज्म का रोगी था। जिसकी अचानक से दिल का दौरा पड़ने की वजह मौत हो गई। लेकिन इससे भी ज्यादा जो बात हैरान करती है वो ये कि उस बच्चे की मौत का असली कारण था उसका अधिक कुपोषित (Death Due To Undernourished) हो जाना। जिसकी जान एक खाने से संबंधित बिमारी की वजह से चली गई। आइए जानते हैं पूरी बात।
दरअसल, यह पूरी घटना इंग्लैंड की है। जहां ये घटना मैनचेस्टर के एल्फी एंथोनी निकोल्स के साथ हुई थी जो कि बोल भी नहीं सकता था। इस बच्चे की मौत को एक मिसाल के तौर पर भी देखा जा रहा है कि कैसे एक बच्चे को नजरअंदाज कर उसे मरने से नहीं रोका जा सका। जानकारी के अनुसार, ऐसा बिल्कुल नहीं था कि इस बच्चे की समस्या का पता नहीं चल पाया, बल्कि एल्फी की मां लूसी मैरिसन कई बार अस्पताल आ चुकी थी क्योंकि उसे लग रहा था कि कुछ तो गड़बड़ है। लेकिन लूसी की इस समस्या का पता चिकित्सक नहीं लगा सके और न ही वो ये जान सके की बच्चा बहुत ज्यादा कुपोषित है। डॉक्टर्स ने लूसी को बताया कि यह सब ऑटिज्म के कारण हो रहा है।
लेकिन एल्फी की मौत के बाद ही इसकी असली वजह सामने आई कि एल्फी वास्तव में अवॉयडेंट/रिस्ट्रिक्टिव फूड इंटनेक डिसऑर्डर (ARFID) से पीड़ित था, जो कि ऑटिज्म वाले बच्चों में असामान्य नहीं है, लेकिन फिर भी डॉक्टर इसे पकड़ नहीं पाते। यही नहीं इसके लिए अस्पताल ने एल्फी के परिवार से माफी भी मांगी (Death Due To Undernourished)। बताया जाता है कि उम्र के शुरुआती सालों में एल्फी की खुराक ठीक थी, लेकिन स्कूल जाने के बाद वह केवल कुछ बिस्कुट खाता था और थोड़ा सा पानी पीता था। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में पाया कि एल्फी की स्कूल नर्स ने भी यह ध्यान नहीं दिया कि वो कितना खा रहा है और क्या खा रहा है।
जानकारी के अनुसार, एल्फी के आखिरी साल में उसे फूड क्लीनिककी एक स्पीच और लैंग्वेज टीम को रेफर किया गया था, लेकिन इसमें केवल शरीर में पानी की कमी की जांच की गई। एल्फी को उससे सोने और दूसरे कामों के लिए मदद मिली लेकिन उसके कभी भी उसके भोजन पर ध्यान नहीं दिया गया। उसका वजन भी धीरे-धीरे कम होता चला गया। एल्फी की मां ने बताया कि उन्होंने इस पर कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी।
ऐसा बिल्कुल नहीं था कि एल्फी के घर परिवार के लोग उससे प्यार नहीं करते थे या उसका ख्याल नहीं रखते थे। लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट काफी (Death Due To Undernourished) चौंकाने वाली थी। बताया जाता है कि एल्फी की छाती की तीन हड्डियां टूट गईं थी जो उसके अचानक मौत के बाद सीपीआर देने की वजह से हुआ था। आज दो साल से एल्फी की मां लोगों में बच्चों के लिए जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं, ताकि फिर किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो।