गांधीनगर: मोह-माया को त्यागने से जुड़ी कई कहानियां आपने सुने होंगे, लेकिन ऐसा रियल में होते आपने बहुत कम ही देखा होगा. एक ऐसे ही अरबपति के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने जीवन से जुड़ी ऐसी कहानियों को सच में बदल दिया है. दरअसल गुजरात के एक कारोबारी ने करोड़ों […]
गांधीनगर: मोह-माया को त्यागने से जुड़ी कई कहानियां आपने सुने होंगे, लेकिन ऐसा रियल में होते आपने बहुत कम ही देखा होगा. एक ऐसे ही अरबपति के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिन्होंने जीवन से जुड़ी ऐसी कहानियों को सच में बदल दिया है. दरअसल गुजरात के एक कारोबारी ने करोड़ों की संपत्ति को छोड़कर भिक्षु बनने का फैसला किया है. यही कारण है कि इन दिनों सोशल मीडिया पर ये छाए हुए हैं और हर कोई इनकी ही चर्चा कर रहे है.
कारोबारी का ये फैसला सुनकर हर कोई यही जानना चाहता है कि इंसान जिन सुख-सुविधाओं के लिए दिन-रात मेहनत करता है, आखिर उससुख-सुविधाओं को छोड़कर ये व्यापारी भिक्षु क्यों बनना चाहता है. इन दिनों इंटरनेट पर गुजरात के भावेश भाई भंडारी हलचल पैदा कर दी है. आपको बता दें कि व्यापारी भावेश भाई भंडारी ने पत्नी संग संन्यास लेने का फैसला किया है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि संन्यास लेने के लिए परिवार ने 200 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी है. आपको बता दें कि भावेश भाई भंडारी का कंस्ट्रक्शन बिजनेस था. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कारोबारी भावेश भाई भंडारी के बच्चे पहले ही संन्यास ले चुके हैं.
गुजरात के हिम्मतनगर के रहने वाले अरबपति कारोबारी भावेश भाई भंडारी की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों को प्रेरणादायक बनी हुई है. दावा किया जा रहा है कि दंपति ने जैन धर्म में दीक्षा लेने का फैसला किया है. जैन धर्म में दीक्षा लेने का अर्थ भौतिक संसार से दूर हो जाना है. आपको बता दें कि इससे पहले साल 2022 में उनके 16 वर्षीय बेटे और 19 वर्षीय बेटी ने संन्यास ले लिया था।
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