सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की को कार से बाहर निकलकर दूसरी महिला मित्र के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है, जबकि एक आदमी कार के अंदर कपड़े पहनते हुए दिखाई दे रहा है। यह घटना कहां हुई इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह दिल्ली या उसके आसपास हो सकता है। वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं.
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की को कार से बाहर निकलकर दूसरी महिला मित्र के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है, जबकि एक आदमी कार के अंदर कपड़े पहनते हुए दिखाई दे रहा है। यह घटना कहां हुई इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह दिल्ली या उसके आसपास हो सकता है। वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं.
वहीं कई यूजर्स ने बड़े शहरों में महिलाओं की जीवनशैली पर सवाल उठाए, जिसमें क्लब पार्टी, पब और देर रात तक दोस्तों के साथ समय बिताना जैसी गतिविधियां शामिल हैं। कुछ लोगों ने इसे “वफादारी” और “विश्वास” से जोड़कर महिलाओं के प्रति नकारात्मक टिप्पणियाँ कीं। वायरल वीडियो पर आई प्रतिक्रियाओं ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी घटना को देखने के बाद महिलाओं के पूरे चरित्र और उनकी जीवनशैली पर टिप्पणी करना उचित है। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के बारे में इस तरह के पूर्वाग्रहपूर्ण बयान देना उनके अधिकारों और सम्मान का उल्लंघन है।
देखिए यहां एक लड़की को देखा जा सकता है कि वह कार से उतरी और बाहर एक दूसरी महिला मित्र से बात कर रही है कि काम कैसा हुआ?
पुरुष कार के अंदर कपड़े पहन रहा है !!क्या ये कांड दिल्ली में या दिल्ली के आस पास का है?🤯👇
बड़े शहरों की चकाचौंध में पली-बढ़ी स्त्रियां जो क्लब पार्टी, पब… pic.twitter.com/jHtDtn1xFi
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) December 25, 2024
किसी व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करना और उसकी निजता पर सवाल उठाना भारतीय कानून के तहत अपराध माना जा सकता है। वहीं आईटी एक्ट के तौर पर किसी की सहमति के बिना उसका वीडियो सार्वजनिक करना या उस पर अपमानजनक टिप्पणी करना दंडनीय अपराध है। इस घटना पर कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है.
वहीं उनका कहना है कि किसी व्यक्ति के कपड़ों, जीवनशैली या सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के तौर पर उसके चरित्र पर सवाल उठाना गलत है। हालांकि समाज को अपनी सोच बदलनी चाहिए और महिलाओं को उनके अधिकारों और आजादी के साथ जीने का मौका देना चाहिए।
वायरल घटनाएं सोशल मीडिया पर तेजी से ध्यान आकर्षित करती हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में अक्सर तथ्यों की जांच नहीं की जाती है। इस मामले में भी घटना की वास्तविकता और संदर्भ को जाने बिना की गई टिप्पणियाँ एक गंभीर सामाजिक समस्या की ओर इशारा करती हैं। यह घटना न केवल सोशल मीडिया के प्रभाव को उजागर करती है बल्कि समाज में मौजूद लैंगिक भेदभाव और पूर्वाग्रह को भी सामने लाती है। ऐसे में जरूरी है कि हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ करें।
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