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क्या फ्रिज में बंद रखे इंसान को जिंदा किया जा सकता है, जानें विज्ञान के नए दावे

नई दिल्ली: धरती पर जीवन और मृत्यु से जुड़े रहस्य सदियों से मानव जाति को हैरान करते रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस विषय पर कई शोध किए, लेकिन कोई भी अध्ययन अब तक पूरी तरह से इन प्रश्नों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया है। जन्म और मृत्यु आज भी मानव जीवन के सबसे गहन […]

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Human Science, Refrigerator, Facts In Science
  • September 23, 2024 5:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: धरती पर जीवन और मृत्यु से जुड़े रहस्य सदियों से मानव जाति को हैरान करते रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इस विषय पर कई शोध किए, लेकिन कोई भी अध्ययन अब तक पूरी तरह से इन प्रश्नों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया है। जन्म और मृत्यु आज भी मानव जीवन के सबसे गहन रहस्यों में से एक हैं। हालांकि एक दिलचस्प सवाल जो अक्सर लोगों के मन में उठता है, वह यह है कि अगर कोई व्यक्ति फ्रिज के अंदर बंद हो जाए, तो क्या वह जिंदा रह सकता है?

वैज्ञानिकों का क्या कहना

वैज्ञानिकों के अनुसार इसका सीधा जवाब नहीं है. फ्रिज के अंदर ऑक्सीजन की कमी के कारण व्यक्ति का जीवित रहना असंभव है। मानव जीवन के लिए ऑक्सीजन अनिवार्य होती है और फ्रिज के अंदर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति के कारण कुछ ही समय में मौत हो जाएगी। सरल शब्दों में, फ्रिज के भीतर इंसान का जीवित रह पाना मुमकिन नहीं है।

मृतकों को पुनर्जीवित करने के प्रयास

हालांकि शवों को फ्रीज करने की प्रक्रिया को लेकर एक अलग पहलू उभरकर सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ देशों में मृतकों के शवों को फ्रिज में रखकर भविष्य में उन्हें पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया ‘क्रायोनिक्स’ तकनीक पर आधारित है। इस तकनीक के समर्थक मानते हैं कि जिन लोगों को मृत घोषित किया गया है, वे वास्तव में केवल बेहोश हो सकते हैं. वहीं भविष्य में विकसित होने वाली तकनीकों से उन्हें फिर से जीवित किया जा सकता है।

दुनियाभर में अब तक 600 से अधिक लोगों ने अपने शवों को क्रायोनिक्‍स तकनीक के माध्यम से संरक्षित करने का निर्णय लिया है। इनमें से अधिकांश मामले अमेरिका और रूस के हैं, जहां करीब 300 लोगों ने अपने मृत शरीरों को सुरक्षित रखने के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया है।

क्रायोनिक्‍स तकनीक क्या है?

ऑस्ट्रेलियाई कंपनी ‘सदर्न क्रायोनिक्स’ ने यह दावा किया था कि वे इंसानी शवों को -200 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सुरक्षित रख सकते हैं। भविष्य में यदि कोई ऐसी तकनीक विकसित हो जाती है, जो मृतकों को फिर से जीवित कर सके, तो इन संरक्षित शवों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा सकेगा। इस तकनीक ने दुनियाभर में तेजी से लोकप्रियता हासिल की है, लेकिन अभी भी इसको लेकर कई सवाल बने हुए हैं।

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