बिहार: इस पेड़ पर जिसने भी उठाई कुल्हाड़ी, हुआ अनहोनी का शिकार, काटते ही होती है खून की बौछार

पटना: बुढ़िया माई मंदिर जो लोगों के दिलों में एक अलग ही स्थान रखता है, स्थानीय और आसपास कि इलाके में रहने वाले लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले रेलवे ने मंदिर को हटाने का प्रयास किया था लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं […]

Advertisement
बिहार: इस पेड़ पर जिसने भी उठाई कुल्हाड़ी, हुआ अनहोनी का शिकार, काटते ही होती है खून की बौछार

Deonandan Mandal

  • April 11, 2023 3:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना: बुढ़िया माई मंदिर जो लोगों के दिलों में एक अलग ही स्थान रखता है, स्थानीय और आसपास कि इलाके में रहने वाले लोगों की आस्था इस मंदिर से जुड़ी हुई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ दिन पहले रेलवे ने मंदिर को हटाने का प्रयास किया था लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली. रेलवे ने मंदिर को हटाने की बजाय उसे दुरुस्त कर फिर से नया बना दिया. बुढ़िया माई मंदिर के आगे खुला छोड़ा हुआ स्थान पर सैकड़ों साल पुराना पीपल के पेड़ की भी एक मान्यता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पीपल के पेड़ को काटने से आदमी की तरफ लाल खून निकलता है. जो कोई उस पीपल के पेड़ को काटने की कोशिश करता है उसके साथ किसी ना किसी तरह की अनहोनी हो जाती है।

रेलवे की जमीन पर मंदिर होने की वजह से प्रशासन ने मंदिर को वहां से हटाने का प्रयास किया था, लेकिन ऐसी घटनाएं और मान्यताओं की वजह से रेलवे अधिकारी अब मंदिर को हटाने की बजाय उसे दुरुस्त कर फिर से नया बना दिया है. बुढ़िया माई मंदिर के आगे स्थित पीपल के पेड़ भी लोगों के बीच काफी मान्यता है. शास्त्रों में भी कहा गया है कि पीपल को देवताओं का आवास माना जाता है।

पेड़ काटने पर निकलता है खून

जब रेलवे कर्मचारियों ने बुढ़िया माई मंदिर के आगे पीपल के पेड़ को काटने का प्रयास किया तब उन्हें इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में बिल्कुल पता नहीं था. परंतु पेड़ को काटते समय उन्होंने अचानक खून निकलते देखा जिससे वे काफी हैरान हो गए. इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके बारे में रेलवे कर्मचारियों को बताया कि इस पेड़ को काटने की प्रयास करना बेहद अशुभ है. इसी वजह से रेलवे कर्मचारियों ने मंदिर की आगे स्थित पीपल के पेड़ को छोड़ दिया. जमशेदपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर सारण गांव में स्थित बुढ़िया माई मंदिर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के करीब 400 साल पुराने होने की वजह से इसका बहुत महत्व है।

ये भी पढ़ें-

Adipurush Poster: ‘आदिपुरुष’ के नए पोस्टर में राम, सीता और लक्ष्मण के लुक पर उठे सवाल

2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की भूमिका पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान-” सबको एक होना होगा “

Advertisement