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पटना : मुसलमान परिवार ने दी मिसाल,हिन्दू बुज़ुर्ग का राम नाम दोहराते हुए किया अंतिम संस्कार

पटना : बिहार की राजधानी पटना में एक मुसलमान परिवार ने इंसानियत की मिसाल देने वाला काम किया है. दरअसल इस परिवार ने एक हिन्दू बुज़ुर्ग का अंतिम संस्कार किया है. यह बुज़ुर्ग पिछले 25 सालों से मुस्लिम परिवार के साथ रहा करता था. यह घटना पटना के राजाबाजार की है. मुसलमान परिवार का हिस्सा […]

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पटना : मुसलमान परिवार ने दी मिसाल,हिन्दू बुज़ुर्ग का राम नाम दोहराते हुए किया अंतिम संस्कार
  • July 4, 2022 4:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

पटना : बिहार की राजधानी पटना में एक मुसलमान परिवार ने इंसानियत की मिसाल देने वाला काम किया है. दरअसल इस परिवार ने एक हिन्दू बुज़ुर्ग का अंतिम संस्कार किया है. यह बुज़ुर्ग पिछले 25 सालों से मुस्लिम परिवार के साथ रहा करता था. यह घटना पटना के राजाबाजार की है.

मुसलमान परिवार का हिस्सा था बुज़ुर्ग

बिहार की राजधानी पटना के राजाबाजार से ऐसी घटना सामने आ रही है जो देश के कई लोगों के लिए मिसाल बन गई. जहां एक ओर देश में ज्ञानवापी, नुपुर शर्मा, और उदयपुर हत्याकांड से सांप्रदायिक भावनाएं भड़की हुई हैं वहीं इस तरह की घटना अपने आप में काफी अहमियत रखती है. दरअसल एक बुज़ुर्ग लगभग 25 सालों से एक मुसलमान परिवार में रहा करता था. जब उसकी मृत्यु हुई तो नज़ारा देखने वाला था. जहां मुसलमान परिवार ने इस हिन्दू बुज़ुर्ग का अंतिम संस्कार पूरे हिन्दू विधि-विधान से किया। इतना ही नहीं पूरा परिवार राम-नाम कहता भी नज़र आया.

परिवार ने दी अंतिम विदाई

जनाजे में राम नाम सत्य है बोलते इस मुसलमान परिवार को देख आस-पास के लोग दंग हो गए. बता दें, 25 वर्ष तक मुस्लिम परिवार में रहने वाले इस बुज़ुर्ग का नाम रामदेव था. वह इस परिवार के साथ एक सदस्य के तौर पर रहा करते थे. उनकी आखिरी विदाई में भी परिवार ने अपना पूरा फ़र्ज़ निभाया और हिंदू रीति-रिवाजों का पूरा ख्याल रखा.

परिवार ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

यह परिवार बुज़ुर्ग की अर्थी सजा कर उसे गंगा घाट तक ले गया. हिंदू शख्स को अंतिम संस्कार के लिए राम नाम सत्य बोलते हुए लेकर गए इस परिवार ने मोक्ष के दर्शन करवाए। जानकारी के अनुसार रामदेव को परिवार ने अपना हिस्सा बना कर रख लिया था. परिवार उनके हिंदू तौर-तरीकों से वाकिफ़ था. इस अंतिम संस्कार में परिवार के मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद अरमान, मोहम्मद राशिद और मोहम्मद इजहार ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और देश के सामने ये मिसाल पेश की. बता दें, रामदेव की उम्र 75 वर्ष थी.

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