नई दिल्ली: काले हिरण के शिकार मामले से जुड़े विवाद के बाद सलमान खान और विश्नोई समाज के बीच विवाद बना हुआ है, जिसके चलते गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई सलमान से बदला लेने की बात कह चुका है। हालांकि आज हम इस विवाद से हटकर उन जानवरों के बारे में बात करेंगे जिनका शिकार करना भारत […]
नई दिल्ली: काले हिरण के शिकार मामले से जुड़े विवाद के बाद सलमान खान और विश्नोई समाज के बीच विवाद बना हुआ है, जिसके चलते गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई सलमान से बदला लेने की बात कह चुका है। हालांकि आज हम इस विवाद से हटकर उन जानवरों के बारे में बात करेंगे जिनका शिकार करना भारत में गैरकानूनी है और ऐसा करने पर गंभीर सजा का प्रावधान है।
भारत में कई जानवर ऐसे हैं जिनके शिकार पर कानून के तहत कड़ी सजा दी जाती है। इनमें प्रमुख रूप से बाघ, शेर, हाथी, तेंदुआ और गैंडा शामिल हैं। इनके अलावा हजारों अन्य प्रजातियां भी संरक्षित हैं, जिनका शिकार करना कानूनन अपराध है। वहीं अगर कोई व्यक्ति इन जानवरों का शिकार करता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
भारत अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और इसे संरक्षित रखने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। बता दें भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, इन्हीं कानूनों में से एक है, जो वन्यजीवों और उनके आवासों की रक्षा करता है। इस अधिनियम के तहत जानवरों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा गया है और इन जानवरों के शिकार पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
अधिनियम की धारा 9 के तहत किसी भी संरक्षित जानवर का शिकार करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। वहीं अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसे एक साल की सजा, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसी प्रकार धारा 51 उन मामलों के लिए है जहां व्यक्ति वन्यजीवों का अवैध शिकार करता है या उनके अंगों का व्यापार करता है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माना का प्रावधान है।
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