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गजब… महिला की बच्चेदानी से बच्चा हुआ गायब, डॉक्टरों के पैरों तले खिसकी जमीन

नई दिल्ली: भारत-पाक की सीमा पर बसे बाड़मेर इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां डॉक्टरों की टीम के एक महिला के प्रसव के ऑपरेशन के दौरान होश उड़ गए जब डॉक्टरों की टीम ने देखा की महिला की बच्चेदानी से बच्चा गायब है। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा […]

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गजब… महिला की बच्चेदानी से बच्चा हुआ गायब, डॉक्टरों के पैरों तले खिसकी जमीन
  • September 30, 2024 8:31 am Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

नई दिल्ली: भारत-पाक की सीमा पर बसे बाड़मेर इलाके से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां डॉक्टरों की टीम के एक महिला के प्रसव के ऑपरेशन के दौरान होश उड़ गए जब डॉक्टरों की टीम ने देखा की महिला की बच्चेदानी से बच्चा गायब है। डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा केस सिर्फ करोड़ों में एक होता है।

डॉक्टर हुए हैरान

 

जानकारी के मुताबिक यह मामला बाड़मेर के चौहटन तहसील के बींजासर इलाके का बताया जा रहा है। यहां पर रहने वाली लीला देवी की तबियत चौहटन के एक अस्पताल में अचानक बिगड़ गई। उनकी हालत को देखते हुए उन्हें जिला मुख्यालय के शिव अस्पताल लाया गया। यहां लाने के बाद चिकित्सक टीम को ऑपरेशन के दौरान एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का केस नजर आया। ऐसा केस करोड़ों में से एक होता है। इन हालातों में अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंजू बामनिया ने डॉक्टर हरीश सेजू और डॉक्टर स्नेहल कटुडिया की सहायता से लीला का ऑपरेशन किया है।

 

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बच्चे की हो चुकी थी मौत

 

डॉक्टरों की टीम का मानना है कि इस तरह के केस में मां की जान बचना भी काफी मुश्किल होता है। इस केस में डॉक्टरों ने लीला की जान को बेहद बारीकी से ऑपरेशन को अंजाम देकर उसे बचाया। अस्पताल प्रबंधक डॉक्टर मंजू बामनिया ने इस मामले में कहा कि अगर गर्भाशय के बाहर बच्चा ठहरता है और यदि बच्चा 8 महीने तक जीवित रहता है, तो इस केस को एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी कहा जाता है। इसके अलावा इसी का एक अन्य प्रकार, जिसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है। ऐसा केस काफी दुर्लभ और असामान्य प्रकार का होता है। लीला का केस भी कुछ ऐसा ही था। जिसे समय रहते डॉक्टरों ने बचा लिया। लीला के बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी, परंतु बाड़मेर के चिकित्सकों ने काफी मेहनत कर लीला की जान को बचा लिया।

 

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