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Ajab Gajab Rocks: प्यार का प्रतीक मानी जाती हैं जापान की ये ‘विवाहित चट्टानें’

नई दिल्ली। जापान में द वेडेड रॉक्स या मेओटो इवा नाम की दो पवित्र चट्टानें स्थित हैं। इन्हें ‘पति और पत्नी चट्टानें’ या ‘विवाहित चट्टानों’ के नाम से भी जाना(Ajab Gajab Rocks) जाता है। ये चट्टानें पुरुष और महिला के बीच मिलन, प्यार और सुखद गृहस्थ जीवन का प्रतीक मानी जाती हैं। यही नहीं, कपल्स […]

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Ajab Gajab Rocks
  • January 21, 2024 9:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। जापान में द वेडेड रॉक्स या मेओटो इवा नाम की दो पवित्र चट्टानें स्थित हैं। इन्हें ‘पति और पत्नी चट्टानें’ या ‘विवाहित चट्टानों’ के नाम से भी जाना(Ajab Gajab Rocks) जाता है। ये चट्टानें पुरुष और महिला के बीच मिलन, प्यार और सुखद गृहस्थ जीवन का प्रतीक मानी जाती हैं। यही नहीं, कपल्स इन चट्टानों को पवित्र मानकर इनके सामने शादी करते हैं।

पति-पत्नी का प्रतीक हैं ये चट्टानें(Ajab Gajab Rocks)

दरअसल, amusingplanet.com की रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों चट्टानें जापान के शहर फ़ुटामी (Futami) के पास समुद्र में स्थित हैं। इसमें से बड़ी चट्टान का नाम इजानगी (Izanagi) है , ये लगभग 40 मीटर परिधि के साथ 9 मीटर ऊंची है। इसे पति का प्रतीक माना गया है। जबकि, इसके शिखर पर एक छोटा सा शिंटो टोरी गेट है। इस चट्टान के दाईं ओर 3.6 मीटर ऊंची चट्टान है, जिसका नाम इजानामी (Izanami) है, ये लगभग 9 मीटर गोल है। इसे पत्नी का प्रतीक माना जाता है।

रस्सी से जुड़ी हैं चट्टानें

जानकारी के अनुसार, विवाहित होने के कारण दोनों चट्टानें शिमेनावा (Shimenawa) रस्सी से जुड़ी हैं। ये आध्यात्मिक और सांसारिक क्षेत्रों के बीच विभाजन का प्रतीक है। ये रस्सी शिमेनावा कहलाने वाले चावल के डंठल से(Ajab Gajab Rocks) बनी है, जिसका वजन करीब एक टन है। इस रस्सी को साल में तीन बार मई, सितंबर और दिसंबर में आयोजित एक खास समारोह में बदला जाता है।

चट्टानों के सामने लोग करते हैं शादी(Ajab Gajab Rocks)

मेओटो इवा को विवाह के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। लोग इन चट्टानों को पवित्र मानते हैं और इनके सामने ही एक-दूसरे का हाथ थाम कर जीवनभर साथ रहने की कसम खाते हैं। यही नहीं, नवविवाहित जोड़े चट्टानों को देवता का स्वरूप मानकर उनके सामने प्रर्थाना भी करते हैं कि उनकी शादी उतनी ही मजबूत बनी रहे, जितनी की इन दोनों चट्टानों की। वहीं शिंटो मान्यताओं के मुताबिक, चट्टानें पुरुष और महिला के विवाह में मिलन का जश्न मनाती हैं।

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बड़ी तादात में आते हैं लोग

इसके साथ ही चट्टानों की धार्मिक मान्यताओं और उसके चारों ओर के सुंदर प्राकृतिक नजारों को देखने के लिए काफी बड़ी संख्या लोग यहां घूमने आते हैं। चट्टानों को देखने का सबसे सही वक्त गर्मियों के दौरान सुबह का होता है। ऐसे में जब सूरज दोनों चट्टानों के बीच उगते हुए दिखाई देता है तो ये नजारा बेहद खूबसूरत लगता है।

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