दुनियाभर में लोग अपने खोए हुए प्रियजनों की यादें संजोने के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कुछ जगहों पर तो ऐसी परंपराएं भी हैं
नई दिल्ली: दुनियाभर में लोग अपने खोए हुए प्रियजनों की यादें संजोने के अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कुछ जगहों पर तो ऐसी परंपराएं भी हैं जहां अपनों की मौत के बाद उनकी राख को खास तरीके से सहेजकर रखा जाता है। दक्षिण कोरिया में एक बेहद अनोखी परंपरा है, जहां शव को जलाने के बाद उसकी राख को मोतियों में बदलकर घर में सजावट के रूप में रखा जाता है। यह परंपरा लोगों को यह एहसास दिलाती है कि उनके प्रियजन अब भी उनके आसपास हैं।
दक्षिण कोरिया में अंतिम संस्कार के बाद शव को जलाया जाता है और फिर उसकी राख से रंग-बिरंगे मोती बनाए जाते हैं। ये मोती गुलाबी, फिरोजी, काले जैसे अलग-अलग रंगों में होते हैं। इन मोतियों को कांच के जार में रखा जाता है और घर की खास जगह पर सजाकर रखा जाता है। इस तरह लोगों को अपने खोए हुए प्रियजन की मौजूदगी का अहसास होता है।
दक्षिण कोरिया में कई कंपनियां इस काम में जुटी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, “बोनहयांग” नामक एक कंपनी, जो डेथ बीड बनाने में माहिर है, अब तक एक हजार से अधिक परिवारों की मदद कर चुकी है। कंपनी के सीईओ बा जे-यूल का कहना है कि पिछले एक दशक में उन्होंने कई लोगों को अपने प्रियजनों की यादों को मोतियों के रूप में संजोने की सेवा दी है। ये मोती केवल घर में रखने के लिए होते हैं, इन्हें किसी गहने या हार में नहीं बदला जाता।
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