Trending News: फिल्मों में दिखाया जाता है कि कैसे इतिहास की किताबों को पढ़कर लोग खजाना ढूंढने निकल जाते हैं और तमाम कठिनाइयों का सामना कर वो आखिरकार उस छिपे हुए खजाने तक पहुंच ही जाते हैं। लेकिन हकीकत में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला कि किताबें पढ़ने के बाद कोई खजाने की खोज […]
Trending News: फिल्मों में दिखाया जाता है कि कैसे इतिहास की किताबों को पढ़कर लोग खजाना ढूंढने निकल जाते हैं और तमाम कठिनाइयों का सामना कर वो आखिरकार उस छिपे हुए खजाने तक पहुंच ही जाते हैं। लेकिन हकीकत में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला कि किताबें पढ़ने के बाद कोई खजाने की खोज में निकल जाए और उसे वहां तक पहुंच भी जाए। हालांकि फिर भी लोग प्रयास तो करते ही हैं। अमेरिका के कोलोराडो के रहने वाले एक व्यक्ति ने भी कुछ ऐसा ही किया है, जिसके बाद विश्वभर में उसकी बात होने लगी है।
इस व्यक्ति का नाम डेविड हेगर है। दरअसल, डेविड के मुताबिक उन्होंने बायरन प्रीस की 1982 में आई किताब ‘द सीक्रेट: ए ट्रेजर हंट’ से स्टेटन द्वीप पर दबे खजाने को ढूंढने वाले सुरागों को अच्छी तरह से समझा है। भूविज्ञानी और साइंस अध्यापक रह चुके हेगर ने बताया कि किताब में दो ऐसी बातें लिखी थीं, जिसे कोई नहीं समझ पाया। हमने इस पर अच्छे ढंग से ध्यान दिया है। इसे यहां होना ही चाहिए। हालांकि डेविड और उनकी फैमिली ने छुट्टियों के दौरान खजाने की तलाश में पूरा वीकेंड बिता दिया, लेकिन इतना सब करने के बावजूद भी वे खजाना खोजने में नाकाम रहे। लेकिन उन्होंने अभी हार नहीं मानी है। उनका कहना है कि फिर से नए तरीके से खजाने की तलाश में निकलेंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि 1980 में बायरन प्रीस ने कथित तौर पर अमेरिका के 12 शहरों में प्लेक्सीग्लास केस में कैस्क और चाबियों को दफना दिया। उन्होंने अपनी किताब में उनके ठिकानों के बारे में कुछ सुराग दिए हैं। इनमें से सिर्फ तीन खजाने ऐसे हैं, जो आजतक किसी को नहीं मिले और लोग ऐसा मानते हैं कि ये खजाने शिकागो, क्लीवलैंड और बोस्टन में कहीं हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि पांच बोरों में यहां कहीं न कहीं लूट का सामान रखा है, लेकिन इसका कभी मालूम नहीं पड़ सका।
ये भी पढ़ें: टीचर ने किया क्लासरूम में बच्चों के साथ ऐसा काम, वीडियो देखकर दंग रह जाएँगे आप…