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इस दवा को लेने से आंतकी खुद को समझने लगते हैं सुपरह्यूमन

आतंकी संगठन आईएसआईएस के आंतकी एक ऐसी दवाई का प्रयोग करते हैं जिसको खाने के बाद वो खुद को सुपरह्यूमन समझने लगते हैं. ये दवाईयां उन्हें कई दिनों तक जगाए रखने में मदद करती है.

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  • November 20, 2015 2:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. आतंकी संगठन आईएसआईएस के आंतकी एक ऐसी दवाई का प्रयोग करते हैं जिसको खाने के बाद वो खुद को सुपरह्यूमन समझने लगते हैं. ये दवाईयां उन्हें कई दिनों तक जगाए रखने में मदद करती है.  कैप्टागॉन के नाम से जानी जाने वाली ये दवाई सीरिया में बनाई जाती हैं और पूरे मध्य पूर्व में आसानी से मिल जाती है. 
 
कैप्टागॉन की गैरकानूनी बिक्री से होने वाली कमाई को लड़ाई के लिए हथियार लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.  इतना ही नहीं इससे आतंक की ज़मीन को नए हथियार, लड़ाकों का खाद-पानी देने में भी मदद मिलती है. 
 
बता दें कि इस दवाई की एक गोली 20 डॉलर से भी कम कीमत में खरीदी जा सकती है. ये सीरीया लड़ाकों में काफी मशहूर है. जो इस्लामिक कानून को नहीं मानते हैं.
 
 डॉ. का कहना है कि ये ड्रग बहुत खतरनाक है. इसको लेने से साईकोसिस और ब्रेन डैमेज हो सकता है. लेकिन इसको लेना आंतकियों के लिए रोजाना खाना खाने जैसा हो गया है. 
 

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