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एक लाश को है मुक्ति का इंतजार, डेढ़ साल से स्कूल में लटक रहा शव

जयपुर. मरने के बाद भी ‘मौताणा’ ना होने के कारण एक युवक की लाश पिछले डेढ़ साल से एक स्कूल में लटकी हुई है. दरअसल गुजरात और राजस्थान के आदिवासियों में मौताणा दाह संस्कार और मृत्यु के बाद दिए जाने वाले भोज को कहा जाता है. मामला गुजरात के रहने वाले अजमेरी का है. मृतक […]

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  • October 3, 2015 12:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
जयपुर. मरने के बाद भी ‘मौताणा’ ना होने के कारण एक युवक की लाश पिछले डेढ़ साल से एक स्कूल में लटकी हुई है. दरअसल गुजरात और राजस्थान के आदिवासियों में मौताणा दाह संस्कार और मृत्यु के बाद दिए जाने वाले भोज को कहा जाता है. मामला गुजरात के रहने वाले अजमेरी का है. मृतक अजमेरी के भाई के मुताबिक अजमेरी पिछले साल मई में अपनी बहन से मिलने बूझा गांव गया था. तीन दिन बाद नहीं लौटा तो तलाश शुरू की गई.  
 
बाद में अजमेरी का शव पास की पहाड़ी पर मिला. परिजनों ने अजमेरी की हत्या का आरोप बूझा गांव में रहने वाले लोगों पर लगाया और मौताणा की मांग की. वहीं, बूझा के लोगों ने हत्या में अपना हाथ ना होने का इनकार करते हुए मौताणा देने से मनाकर दिया. मामला अभी कोर्ट में चल रहा है, वहीं, इसी कशमकश में अजमेरी का शव करीब डेढ़ साल से स्कूल में झूल रहा है.

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