नई दिल्ली. फ्रांस में आल्पस पर्वत के मोंट ब्लैंक में शवों के अवशेष मिले हैं. संभावना जताई जा रही है कि ये शव उन यात्रियों के हो सकते हैं जो 50 साल से भी पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के दो विमानों में से किसी एक में सवार थे. ये दुर्घटना काफी भयावह थी.
डैनियल रोशे एक पर्वतारोही हैं. वे विमान हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के अवशेषों की तलाश भी करते हैं. बासोन ग्लैशियर में कई साल से तलाश करने वाले डैनियल रोशे को गुरुवार को इन शवों के अवशेष मिले. उन्हें एक हाथ और एक पैर का ऊपरी हिस्सा भी मिला है. रोशे ने बताया, ‘मुझे इससे पहले कभी इतने अहम मानव अवशेष नहीं मिले थे.’
बासोन ग्लेशियर में कई सालों से तलाश करने वाले डेनियल रोशे को गुरुवार को शवों के अवशेष मिले. बता दें कि डेनियल पर्वतारोही हैं और वे विमान हादसों में जान गंवाने वाले लोगों के अवशेषों की खोज करते हैं.
डेनियल रोशे का कहना है कि, ‘मुझे इससे पहले कभी इतने अहम मानव अवशेष नहीं मिले.’ इस बार उन्हें एक हाथ और एक पैर का ऊपरी हिस्सा मिला है.
उनका कहना है कि उन्हें जो अवशेष मिले हैं उन्हें 1966 में दुर्घटना का शिकार हुई बोइंग 707 उड़ान की कोई महिला यात्री के प्रतीत होते हैं. उनका कहना है कि ऐसा इसलिए क्योंकि विमान के चार जेट इंजनों में से एक इंजन भी मिला है.
गौरतलब है कि जनवरी 1966 में मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 707 मोंट ब्लैंक के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में विमान में सवार सभी 117 लोग मारे गए थे. वहीं साल 1950 में एयर इंडिया के अन्य दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हो गई थी.
हालांकि, शुरुआती परीक्षण से ये पता चला है कि जो अंग मिले हैं वो किसी एक ही व्यक्ति के नहीं हैं. अभी तक ये भी स्पष्ट नहीं है कि ये अंग दोनों विमानों में से किस विमान के यात्री के हैं.