नई दिल्ली. कुछ लोग महिलाओं को बच्चा पैदा करने की मशीन मानते हैं. जब भी बराबरी की बात आती है तो पुरुष मानसिकता के लोग महिलाओं को शारीरिक रूप से कमजोर मानकर उनके अधिकारों की बात को दबा देते हैं. कुछ लोग महिलाओं के बच्चे पैदा करने की प्रक्रिया को नॉर्मल मानते हैं. मगर उन्हें शायद ही इस बात का अंदाजा होता होगा कि प्रसव के दौरान महिलाओँ को किस तरह के पीड़ा से गुजरना पड़ता है.
ऐसा माना जाता है कि बच्चा पैदा करने के वक्त महिला को करीब 20 हड्डी टूटने जितना दर्द होता है. मगर पुरुष हैं कि महिलाओं की सहनशीलता पर आज भी सवाल उठाते रहते हैं. प्रसव पीड़ा में कितना दर्द होता है इसी का एहसास करने के लिए एक शख्स ने आभासी प्रसव पीड़ा का सहारा लिया.
दरअसल, अमेरिका के टेनिसी यूनिवर्सिटी में जॉनी वेड नामक शख्स ने प्रसव पीड़ा का अनुभव लेने के लिए खुद को आगे किया. वो इस बात का अनुभव करना चाहता था कि आखिर प्रसव पीड़ा में कितना दर्द होता है. जब उसे ये प्रसव पीड़ा दी गई, तब वो उस दर्द को 20 सेकंड भी झेल नहीं पाया.
एहसास लेने के लिए एक अन्य स्टूडेंट जॉनी को पीछे से पकड़ कर बैठता है और उसे गहरी सांस लेने के लिए कहता है. आप वीडियो में देख सकते हैं कि सचमुच जॉनी बच्चा पैदा करने ही वाला है. मगर जैसे ही उसे प्रसव पीड़ा दी गई. उसकी हालत खराब हो गई. वो दर्द रोकने के लिए गिड़गिड़ाने लगा.
जॉनी 10 सेकेंड भी इस प्रसव पीड़ा को नहीं झेल पाया. इसके बाद वीडियो में देखेंगे कि उसके अन्य साथी कैसे ठहाके लगाकर हंसने लगते हैं. मगर अब सवाल यहां ये है कि जब एक मर्द प्रसव पीड़ा को 10 सेकेंड के लिए भी नहीं झेल पाया, तो आप उम्मीद कर सकते हैं कि घंटों तक महिलाएं कैसे इस दर्द को झेल लेती हैं. सच कहूं तो महिलाओं की सहनशीलता के सामने पुरुष कहीं नहीं टिकते.
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