आजकल इंटरनेट पर Dhinchak Pooja की धूम मची है, एक ऐसी कलाकार जिसने अति सामान्य गायकी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उनके गानों के बोल और अंदाज़ पर पॉज़िटिव और निगेटिव दोनों कमेंट्स आ रहे हैं.
July 24, 2017 1:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: आजकल इंटरनेट पर Dhinchak Pooja की धूम मची है, एक ऐसी कलाकार जिसने अति सामान्य गायकी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उनके गानों के बोल और अंदाज़ पर पॉज़िटिव और निगेटिव दोनों कमेंट्स आ रहे हैं.
वहीं एक दूसरी पूजा भी अपनी कलम और अपनी शालीनता से इंटरनेट पर सफलता के पायदान चढ़ रही है. हम बात कर रहे हैं पूजा मिश्रा की जिनकी फ़ंतासी फ़िक्शन Seven Doors of Satan को युवाओं के बीच में काफ़ी पसंद किया जा रहा है.
सेवन डोर्स ऑफ़ सेटन की कहानी जादुई यथार्थ की ज़मीन पर गढ़ी गई है जिसमें एक ग़ुलाम लड़की जो अपने ताकतों से अनजान है अपने कबीले को शैतान के पंजे से छुड़ाती है. कहानी किसी करिश्माई रेगिस्तान में रची गई है जहां के बाशिंदे विभिन्न कलाओं में माहिर हैं और तकनीकि के मामलों में आज की दुनिया से काफी आगे हैं.
शहरी दुनिया के समकक्ष उनकी एक अलग दुनिया है जो लोगों की नज़रों से छिपा हुआ है. ऐसी ही जादुई दुनिया में जब सेटन अपना साम्राज्य फैलाना चाहता है तो उसके रास्ता रोके खड़ी होती है ग़ुलाम ऑरा जिसकी आंखों में आज़ादी का सपना है. हमने बात की पूजा मिश्रा से और उनसे इस नॉवेल के बारे में जाना.
Seven Doors of Satan का कवर पेज काफी आकर्षक लग रहा है, क्या है इसकी कहानी संक्षेप में बताएं?
धन्यवाद! हमारी दुनिया से परे एक दूसरी दुनिया भी है जो आम लोगों के नजरों से दूर है. ये कहानी इसी दुनिया में बसी किंगपिन और हिदाफी कबीलों की है. जहां किंगपिन ट्राइब शांतिपसंद है और कई कलाओं और विधाओं में माहिर है वहीं हिदाफी एक जंगपसंद कबीला है जिसका मुखिया दुष्ट कैलैमिटस है.
कैलेमिटस की नज़र किंगपिन ट्राईब की ऑरा नाम की गुलाम पर है जिसके पास अलौकिक शक्ति है लेकिन वो अपने ताकतों से अनजान है. कैलैमिटस के साथ शांति बनाए रखने के लिए किंगपिन ऑरा को उसे सौंप देते है. लेकिन ऑरा कैलैमिटस की चाल को समझ जाती है कि वो शांति का नहीं बल्कि शैतान का दूत है जो उसके ज़रिए पूरी दुनिया पर राज करना चाहता है. लेकिन ऑरा के लिए ये जंग आसान नहीं है क्योंकि इसमें जीत उसकी ताकत नहीं बल्कि त्याग से ही संभव है जिसमें उसकी जान दांव पर लगी है. पूरी कहानी आप पढ़िए और रिव्यू लिखिए.
क्या ये कहानी सिर्फ़ फैंटेसी और जादू के इर्द-गिर्द लिखी गई है या इसमें आज की दुनिया के लिए भी कोई संदर्भ है
कहानी में पैरैलल वर्ल्ड और जादू है लेकिन ये आधुनिक जीवन से दूर नहीं है. हमारे समाज में जो दिक्कते हैं वो इस कहानी के चरित्रों के ज़रिए कही गई है. आज लड़कियां समाज में आगे निकलना चाहती हैं लेकिन उनके लिए राह आसान नही हैं.
ऑरा की आज़ादी की चाह भी इसी चुनौती को दर्शाती है. आज दुनिया में लालच इतना बढ़ गया है कि हमने प्रकृति को ही दांव पर लगा दिया है. युद्ध और अत्याचार भी पितृसत्ता के ही बायप्रोडक्ट है. Seven Doors of Satan की कहानी इन्हीं चुनौतियों को जादू के चश्में से दिखाती है.
आप एक युवा लेखिका हैं, कॉलेज में पढ़ते पढ़ते आपने नॉवेल लिख डाला है. या सफर कितना आसान या मुश्किल रहा है ?
नॉवेल लिखना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है. दो साल तक मैनें खुद को कमरें में बंद रखा और सिर्फ लिखने पर ध्यान दिया. यहां तक की मुझपर घरवाले भी शक करने लगे कि ये लड़की अपने कमरे में ही बंद क्यों रहती है कुछ गड़बड़ तो नहीं?
कॉलेज कि दिनों में लोग अपनी सोशल सर्कल बढ़ातें हैं और पढ़ाई के साथ साथ इन्जॉय भी करते हैं, लेकिन मेरे ज़हन में सिर्फ किताब था. इसे लिखने के लिए मुझे काफी रिसर्च करनी पड़ी और चरित्रों को गढ़ने में मैनें कई दिन और रात लगाया है.
इस किताब में सात साल से 70 साल के इंसान को अपनी छवि किसी न किसी चरित्र या सिचुएशन में ज़रूर दिखेगी. मैं खुश हूं कि ये किताब दुनिया के सामने है और चाहती हूं की ज्यादा से ज़्यादा लोग इस पढ़ें.