नई दिल्ली : कॉल करनी हो या रिसीव करनी हो, सबसे पहला शब्द आपके मुंह से क्या निकलता है? हैलो, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये हैलो कहां से आया? पूरी दुनिया में लोग फोन उठाने के बाद सबसे पहले हैलो ही क्यों बोलते हैं?
दुनिया का कोई भी कोना हो, बड़ा हो या बुढ़ा हो, बच्चे हो या जवान हो, सभी फोन उठाते ही हैलो ही बोलते हैं. बचपन से हम सभी सुनते आ रहे हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके पीछे भी काफी मजेदार रहस्य है.
शब्द का मतलब :
अगर ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी की मानें तो हैलो शब्द पहली बार 1827 में प्रयोग किया गया था. हैलो का मतलब हाय नहीं होता है. 1830 के दशक में हैलो शब्द का प्रयोग लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता था. हैलो शब्द हाला अथवा होला से बना है. यह जर्मन अथवा फ्रांसीसी शब्द होला से निकला है, जिसका मतलब होता है कैसे हो या क्या तुम वहां हो या क्या तुम सुन रहे हो.
बताया जाता है कि बीच समुद्र में रात के समय नाविक एक-दूसरे के बोट को नहीं देख पाते थे, इसलिए वो एक दूसरे से संपर्क करने और हाल-चाल पूछने के लिए ‘Ahoy! Hoy’ शब्द का इस्तेमाल करते थे. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि हैलो शब्द मूल रूप से होला से आया है जिसका मतलब होता हो ठहरो और ध्यान दो. पहले के समय में शिप पर सवार लोग एक-दूसरे को आवाज लगाने के लिए अहो (Ähoy) शब्द का प्रयोग करते थे. हैलो का मतलब तब तक हाय नहीं था, जब तक टेलीफोन का आविष्कार नहीं हुआ था.
क्या सच में ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम हैलो था :
टेलीफोन का अविष्कार करने वाले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को 10 मार्च 1876 को उन्हें टेलीफोन आविष्कार का सौभाग्य मिला था. कुछ लोग ये मानते हैं कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम हैलो था, यही वजह है कि वो उनसे बात करते वक्त हैलो-हैलो शब्द का इस्तेमाल करते थे. और उसी को देखते-देखते लोग भी हैलो शब्द बोलना शुरू कर दिये. मगर ये बात सही नहीं है. इसकी मूल वजह तो कुछ और ही है.
दरअसल, ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड मारग्रेट हैलो थीं, इस बात का कहीं कोई साक्ष्य उपबल्ध नहीं है. बताया जाता है कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम Mabel Hubbard था और उन्होंने 1877 में Mabel से शादी की थी और शादी के बाद उन्होंने अपना नाम माबेल बेल रख लिया था.
सबसे पहले ये कहा गया :
इसके अलावा शायद आप ये भी नही जानते होंगे कि ग्राहम बेल ने कभी भी “Hello” शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. टेलीफोन का आविष्कार करने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने असिस्टेंट को फ़ोन पर बोला था, “Come-here. I want to see you.” इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि ग्राहम बेल अहो शब्द का इस्तेमाल करते थे. इसी शब्द का इस्तेमाल फ़ोन पर बात शुरू करने से पहले किया जाने लगा.
हैलो शब्द के पीछे एडिशन का भी नाम आता है. उस वक्त एडिशन टेलीफोन को सिर्फ बिजनेस डिवाइस मानते थे, जो एक पार्टी से दूसरी पार्टी बात कर सकती थी. लेकिन उसके साथ समस्या थी कि टेलीफोन पर दूसरी तरफ वाला आदमी कैसे जानेगा कि उस तरफ वाला आदमी कुछ कहना चाहता है. एडिशन ने इस समस्या को पहचाना. उन्होंने सोचा क्यों न 10 से 20 फीट की दूरी पर इसे सुना जाए.
एडीशन हैं इसकी वजह :
जब इस दूरी पर ‘Ahoy’ बोला गया तो दूसरी ओर आवाज आई. मगर थॉमस एडिसन ने ‘Ahoy’ को गलत सुन लिया और 1877 में उन्होंने ‘Hello’ बोलने का प्रस्ताव रखा. ऐसा माना जाता है कि बेल टेलीफोन पर बात करते वक्त अहो “Ahoy!” शब्द का इस्तेमाल करते थे, जो बदल कर हैलो शब्द बन गया.
इसके लिए उन्होंने 15 अगस्त 1877 में पिट्सबर्ग की ‘सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कम्पनी’ के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को पत्र लिखा और कहा कि टेलीफोन पर पहले शब्द के रूप में ‘Hello’ बोला जाना चाहिए. जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो सबसे पहले कहा ‘Hello’.
इस तरह दुनिया ने हैलो को अपनाया :
यही वजह है यूनाइटेड स्टेट में इस एडिशन के इस शब्द को अपना लिया गया. पहली बार सार्वजनिक आदान-प्रदान, 28 जनवरी, 1878 को न्यू हेवन में इसका इस्तेमाल किया गया. 28 जनवरी 1878 में हैलो और पुराने शब्द के बीच में दुविधा बनी रही. हालांकि, बाद में 1880 में हैलो शब्द को पूर्णत: अपना लिया गया.
मिस्टर जेहल ने लिखा है कि साल 1907 में ए.टी.एंडटी के अध्यक्ष फ्रेडरिक पेरी फिश ने हैलो शब्द की खोज का पहली बार श्रेय एडिशन को दिया. उनके मुताबिक, एडिशन ने पहली बार क्या आप वहां हैं “Are you there?” या फिर क्या बात करने के लिए तैयार हैं “Are you ready to talk?” के विकल्प के रूप में हैलो शब्द का इस्तेमाल किया था. बता दें कि शुरुआत में लोग टेलीफोन पर बात करने के वक्त आर यू देयर का इस्तेमाल ही करते थे.