क्या आपने कभी सोचा कि आपकी जींस में किसलिए होती है ये छोटी पॉकेट !

इस दुनिया में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल आप करते हैं, उसे रोज देखते भी हैं, मगर उसकी वजह से आप अनजान होते हैं. कुछ इसी तरह है जींस. जी हां, जींस तो आप भी पहनते होंगे, मगर क्या आपको पता है कि आपकी जींस में छोटी पॉकेट होती है, आखिर वो होती किसलिए है? क्या आपने कभी ध्यान दिया कि जींस की दाईं ओर एक छोटी सी पॉकेट क्यों बनाई जाती है?

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क्या आपने कभी सोचा कि आपकी जींस में किसलिए होती है ये छोटी पॉकेट !

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  • June 20, 2017 2:10 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली : इस दुनिया में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल आप करते हैं, उसे रोज देखते भी हैं, मगर उसकी वजह से आप अनजान होते हैं. कुछ इसी तरह है जींस. जी हां, जींस तो आप भी पहनते होंगे, मगर क्या आपको पता है कि आपकी जींस में छोटी पॉकेट होती है, आखिर वो होती किसलिए है? क्या आपने कभी ध्यान दिया कि जींस की दाईं ओर एक छोटी सी पॉकेट क्यों बनाई जाती है?
 
अगर आप अब तक इसकी वजह से अनजान हैं तो जानिये कि आखिर छोटी पॉकेट होने का कारण क्या है. जींस की दाईं ओर यह पॉकेट इतनी छोटी होती है कि इसमें एक-दो सिक्के रखे जा सकते हैं. मगर इसका अपना एक अलग इतिहास है. कहा जाता है कि इस छोटे पॉकेट की शुरुआत सबसे पहले लेवी स्ट्रॉस नाम की कंपनी ने ही की थी. आज जो लेवाइस के नाम से कंपनी जानी जाती है, वह यही कंपनी है. 
 
 
दरअसल, आप जिसे छोटे पॉकेट के नाम से जानते हैं उसका असल नाम वॉच पॉकेट है और इसे काउ बॉयज के लिए खास तौर पर तैयार किया गया था. जी हां, ये पॉकेट मुख्य रूप से घड़ी रखने के लिए बनाई गई थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये पॉकेट सबसे पुरानी जीन्स, जो लगभग साल 1879 की है, में भी पाए गए हैं.
 
ऐसा माना जाता है कि दुनिया की सबसे पहली ब्लू जीन्स में सिर्फ 4 पॉकेट्स थे, एक पीछे, दो आगे और उसके अलावा ये छोटी वॉच पॉकेट. मगर बाद में इसे पांचवीं पॉकेट के रूप में इसका इस्तेमाल होने लगा. 
 
 
बताया जाता है कि अठारहवीं सदी में में काउबॉयज़ चेन वाली घड़ियां रखा करते थें, जिन्हें वो अपने वेस्टकोट की पॉकेट में रखते थे. सबसे पहले Levi’s ने जीन्स में ये छोटी पॉकेट बनाया, जिनमें घड़ी रखी जा सके. 
 
ऐसा इसलिए क्योंकि इस छोटी सी जेब में घड़ी रखने से गिरने का डर नहीं रहेगा और ना ही पॉकेट में रखी दूसरी चीज़ों से इसमें स्क्रैच लगने का डर होगा. और साथ ही इस तरह टाइम देखना भी ज़्यादा आसान था. हालांकि, समय के अनुसार सब कुछ बदलता गया, मगर ये पॉकेट वैसा का वैसा ही रह गया. 

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