इस समुदाय में जब तक लड़कियां बच्चे पैदा नहीं कर लेती, तब उनकी शादी नहीं होती

भारत सच में विविधताओं का देश है. यहां की रीति-रिवाज और परंपराएं इतनी विचित्र हैं कि उस पर विश्वास कर पाना इतना आसान नहीं होता है. हमारे भारत में शादी से पहले लड़कियों का मां बनना गलत नजर से देखा जाता है, लेकिन हमारे देश में ही एक जगह ऐसा भी है कि अगर शादी से पहले लड़िकयां मां नहीं बनती, तो उनकी शादी भी नहीं हो पाती है.

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इस समुदाय में जब तक लड़कियां बच्चे पैदा नहीं कर लेती, तब उनकी शादी नहीं होती

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  • June 5, 2017 11:51 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली:  भारत सच में विविधताओं का देश है. यहां की रीति-रिवाज और परंपराएं इतनी विचित्र हैं कि उस पर विश्वास कर पाना इतना आसान नहीं होता है. हमारे भारत में शादी से पहले लड़कियों का मां बनना गलत नजर से देखा जाता है, लेकिन हमारे देश में ही एक जगह ऐसा भी है कि अगर शादी से पहले लड़िकयां मां नहीं बनती, तो उनकी शादी भी नहीं हो पाती है. 
 
जी हां, आप ये सुनकर चौंक गये होंगे, लेकिन ये पूरी तरह सच है कि हमारे देश में एक ऐसी जनजाति है, जिसमें ये प्रथा सदियों से चली आ रही है. समुदाय में शादी से पहले मां बनने की प्रथा है. दरअसल, गरासिया जनजाति की ये प्रथा काफी मशहूर है. ये जनजाति राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सो में पाई जाती है. 
 
इस जनजाति में ये प्रथा है कि शादी से पहले लड़के-लड़की को एक साथ रखा जाता है. यूं कहें तो लिव इन रिलेशनशिप में. जब दोनों साथ रहने लगते हैं और लड़की बच्चे को पैदा कर मां बन जाती है, तब इस जोड़े को इस जनजाति समुदाय द्वारा शादी करने की अनुमति मिलती है. अगर ये जोड़े साथ में रनहे के बाद भी बच्चा पैदा करने में असफल हो जाते हैं, तो ये दोनों फिर अलग हो जाते हैं. 
 
उसके बाद फिर लड़की किसी और मर्द के साथ लिव इन में रहकर बच्चा पैदा करने की कोशिश करती है. ऐसा कहा जाता है कि इस गरासिया जनजाति की प्रथा आज के मॉडर्न सोसाइटी के परंपरा के साफी मिलती-जुलती है. यहां जैसे ही लड़के-लड़कियां जवान होते हैं, उन दोनों को आपसी सहमति से शादी से पहले एक-दूसरे से सेक्स करने की अनुमति मिल जाती है. 
 
इस समुदाय में ये प्रथा है कि बच्चा पैदा होने के बाद ही यहां शादी होती है. अगर कोई लड़की बच्चा पैदा नहीं कर पाती है, तो उसकी शादी भी नहीं होती है. हैरान करने वाली बात ये है कि इस समुदाय में काफी उम्र दराज जोड़ियों की भी शादी होती हैं.
 
खास बात ये है कि राजस्थान और गुजरात में इस समुदाय के लोगों का दो दिन का ‘विवाह मेला’ लगता है, जिसमें युवा जोड़ी एक-दूसरे से मिलते हैं और लड़के-लड़कियां बिना शादी के पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगते हैं. जब बच्चा पैदा हो जाता है, तो इन्हें समुदाय की अनुमति मिल जाती है और फिर इनकी शादी होती है. 
 
बताया जाता है कि इस समुदाय में ये परंपरा एक हजार साल से चली आ रही है. 

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