नई दिल्ली. टीम इंडिया के क्रिकेटरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं हैं लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो अपनी तंगहाली के चलते आजकल भैंस चराकर अपना गुजारा कर रहा है. दरअसल 1998 में नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम की ओर से खेलने वाले खिलाड़ी भालाजी डामोर ने टीम की जीत […]
नई दिल्ली. टीम इंडिया के क्रिकेटरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं हैं लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है जो अपनी तंगहाली के चलते आजकल भैंस चराकर अपना गुजारा कर रहा है.
दरअसल 1998 में नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम की ओर से खेलने वाले खिलाड़ी भालाजी डामोर ने टीम की जीत में खास भूमिका निभाई थी. डामोर को नेत्रहीनों के विश्व कप में मैन ऑफ दा सीरीज से भी नवाजा गया था. उन्होंने 125 मैचों में 150 विकेट और 3125 रन बनाये हैं.
डामोर को प्रदर्शन करने के बाद लगा था कि उन्हें इसके बाद सरकारी नौकरी मिल जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वो आज भी भैंस चराकर अपना गुजारा कर रहे हैं. इस खिलाड़ी के पास एक चार साल का बेटा भी है.