आखिर इस बुजुर्ग की ऐसी कौन सी आखिरी इच्छा थी कि नर्सों ने नियमों को अनदेखा कर पूरा किया

इस जिंदगी का अंत कब और कैसे हो जाए, ये कोई नहीं जानता. हालांकि, कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि मौत के संकेत इंसान को जरूर मिल जाते हैं. हर इंसान की मरने से पहले उसकी कुछ आखिरी इच्छा होती है. कुछ की इच्छा पूरी हो जाती है, तो किसी की अधूरी रह जाती है.

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आखिर इस बुजुर्ग की ऐसी कौन सी आखिरी इच्छा थी कि नर्सों ने नियमों को अनदेखा कर पूरा किया

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  • April 16, 2017 12:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली: इस जिंदगी का अंत कब और कैसे हो जाए, ये कोई नहीं जानता. हालांकि, कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि मौत के संकेत इंसान को जरूर मिल जाते हैं. हर इंसान की मरने से पहले उसकी कुछ आखिरी इच्छा होती है. कुछ की इच्छा पूरी हो जाती है, तो किसी की अधूरी रह जाती है. 

दरअसल, डेनमार्क के अस्पताल में एक ऐसी अजीब घटना देखने को मिली है, जिससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि इंसान को जब पता होता है कि वो मरने वाला है, तो उसके लिए दुनिया की शान-ओ-शौकत और धन-दौलत बड़ी चीज़ नहीं होती, बल्कि आखिरी पल का सुकून मायने रखता है.  
 
 
डेनमार्क के अस्पताल में 75 साल के एक बुजुर्ग कार्टसन फ्लेमिंग हेंसेन भर्ती थे. उनकी तबीयत काफी खराब थी, डॉक्टर अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर चुके थे. डॉक्टर ने कह दिया था कि कार्टसन बस अब कुछ घंटों के ही मेहमान हैं. 
 
इसलिए जब मरीज कार्टसन को पता चला कि वे अब कुछ ही देर के महमान हैं, तो उन्होंने मरने से पहले की अपनी आखिरी इच्छा जताई. मगर उनकी अंतिम इच्छी कुछ इतनी अजीब थी कि अस्पताल प्रशासन के लिए पूरा करना इतना आसान नहीं था. फिर भी इस शख्स की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए नर्सों ने अस्पताल के नियम-कानून को दरकिनार कर दिया.
 
डेनमार्क के Arhus University Hospital में मरीज ने अपनी आख़िरी इच्छा ज़ाहिर की. वो इच्छा आम लोगों के लिए मामूली थीं, मगर उस शख्स के लिए काफी खास था. उनकी आखिरी इच्छा की फेहरिस्त में थी एक ग्लास वाइट वाइन, एक सिगरेट और सूर्यास्त का नज़ारा.
 
 
मगर इतनी छोटी सी इच्छा भी पूरी करना अस्पताल के नियमों के खिलाफ था. मगर अस्पताल के डॉक्टर और नर्स ने नियमों को दरकिनार कर दिया और मरने वाले की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए सारी व्यवस्था कर दी. इसके लिए नर्सों ने Carsten को एक बाल्कनी वाले कमरे में शिफ़्ट किया, ताकि वे वहां सिगरेट भी पी सकें और वहां से वे सूर्यास्त का नज़ारा देख सकें.
 
हालांकि, इस घटना से नर्सों के ऊपर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, मगर इसके इतर मरीज के परिवार वाले बेहद खुश हैं कि उनके मरनासन्न पिता की आखिरी इच्छा को पूरा करने में अस्पताल के नर्सों ने पूरी सहयोग दिया. 
 
बताया जा रहा है कि आखिरी इच्छा को जीते हुए कार्टसन बेहद खुश नजर आ रहे थे. उन्होंने अपनी इस इच्छा से साबित कर दिया कि लोग भले ही पैसे कमाने के पीछे भागते रहे, मगर जीवन के आखिरी वक्त में पैसे काम नहीं आते, बल्कि वो चीजें काम आती हैं, जिनसे इंसान सुकून की नींद सो सके.

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