देहरादून. तस्वीर में सांप को देखकर आप भी धोखा खा गए हों कि यह असली है या नकली. दरसअल यह एक पेंटिंग है. जिस तकनीक का इस्तेमाल करके इसे तैयार किया गया है उसे 3 डी पेंटिंग कहते हैं. पेटिंग की यह कला आजकल खूब विकसित हो रही है. इसके पीछे एक विज्ञान होता है. […]
देहरादून. तस्वीर में सांप को देखकर आप भी धोखा खा गए हों कि यह असली है या नकली. दरसअल यह एक पेंटिंग है.
जिस तकनीक का इस्तेमाल करके इसे तैयार किया गया है उसे 3 डी पेंटिंग कहते हैं. पेटिंग की यह कला आजकल खूब विकसित हो रही है.
इसके पीछे एक विज्ञान होता है. अब तो 3 डी तकनीक से बनी फिल्में भी आने लगी हैं जिन्हें देखने के लिए खास तरीके के ग्लास का इस्तेमाल किया जाता है.
जब हम किसी तस्वीर को दीवार में टंगी देखते हैं तो वह 2 डायमेंशन में होती है जिससे हमें पता चल जाता है कि यह तस्वीर है या असली.
लेकिन 3 डी तकनीक में की फिल्में या पेंटिग 3 डायमेंशन में होती है. जिसमें उसके पीछे की दिशा को भी उभार दिया जाता है और देखने वाला इसी वजह से धोखा जाता है.
आज कल की पेंटिंगों में अब ज्यादातर ऐसी ही तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. रिपोर्टस की मानें तो अब 3 डी तकनीक का इस्तेमाल कर नए प्रिंटर तैयार किए जा रहे हैं.
इतना ही नहीं इस प्रिंटर के माध्यम से मानव अंगों को भी बनने की तैयारी है. हालांकि यह एक जटिल प्रक्रिया है और इसको शुरू में अभी सालों लग सकते है.
आप नीचे वीडियो में भी देख सकते हैं कि कैसे 3 डी पेंटिंग की जाती है.