रेलवे ने नहीं दिया मुआवजा तो कोर्ट ने किसान के नाम कर दी स्‍वर्ण शताब्‍दी एक्‍सप्रेस

लुधियाना में रहने वाला एक किसान अमृतसर से दिल्ली के बीच चलने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस का मालिक बन गया है. खास बात यह है कि यह अजीबो-गरीह फैसला सुनाते हुए खुद कोर्ट ने इस ट्रेन को किसान के नाम कर कर दिया है. इतना ही नहीं ट्रेन को अपने घर ले जाने की अनुमति भी दे दी है.

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रेलवे ने नहीं दिया मुआवजा तो कोर्ट ने किसान के नाम कर दी स्‍वर्ण शताब्‍दी एक्‍सप्रेस

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  • March 17, 2017 5:22 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: लुधियाना में रहने वाला एक किसान अमृतसर से दिल्ली के बीच चलने वाली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस का मालिक बन गया है. खास बात यह है कि यह अजीबो-गरीह फैसला सुनाते हुए खुद कोर्ट ने इस ट्रेन को किसान के नाम कर कर दिया है. इतना ही नहीं ट्रेन को अपने घर ले जाने की अनुमति भी दे दी है.
 
 
दरअसल, लुधियाना की एक जिला अदालत ने जमीन अधिग्रहण के एक मामले में रेलवे की ओर से किसान को मुआवजा नहीं दिए जाने पर यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 45 वर्षिय किसान संपूर्ण सिंह को स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस देने का आदेश दिया है.
 
खबर के अनुसार 2007 में लुधियाना-चंडीगढ़ रेल लाइन के लिए हुए जमीन अधिग्रहण से जु़ड़ा हुआ है. इस अधिग्रहण में किसान संपूर्ण सिंह जमीन भी चली गई थी. उनकी जमीन का मुआवजा 1.47 करोड़ बनता था लेकिन रेलवे ने इसे केवल 42 लाख रुपए ही दिए.
 
 
इसके बाद यह मामला 2012 में कोर्ट पहुंचा और 2015 तक भी रेलवे किसान के बाकी के पैसे नहीं दिए. इसके बाद कोर्ट ने अंत में मजबूर होकर यह फैसला सुना दिया. इतना ही नहीं ट्रेन पर अपना कब्जा लेने के लिए किसान अपने वकील के साथ रेलवे स्टेशन भी पहुंचा. लेकिन रेलवे के सेक्शन इंजीनियर ने ट्रेन को किसान के कब्जे में जाने से रोक दिया और बताया गया कि ये ट्रेन कोर्ट की संपति है.
 
इसके बाद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई. वहीं किसान के वकील का कहना है कि अगर मुआवजे की रकम नहीं मिली तो अदालत से कुर्क की गई रेलवे की संपत्ति की नीलामी की सिफारिश की जाएगी. वहीं संपूर्ण सिंह ने कहा कि फिलहाल उन्होंने ट्रेन को इसलिए नहीं रोका क्योंकि यात्रियों को दिक्कत होती.

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