कोलकाता : महिलाओं की मदद के लिए अगर कोई हेल्पलाइन बनाई तो अनुमान होता है कि उसमें महिलाएं ही मदद के लिए फोन करेंगी. लेकिन, पश्चिम बंगाल में मुस्लिम महिलाओं के लिए बनाई एक आॅल इंडिया हेल्पलाइन में पुरुषों के फोन आ रहे हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने पिछले साल मुस्लिम महिलाओं की मदद के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन बनाई थी. इस के जरिए परेशान मुस्लिम महिलाओं को शरिया कानून के विभिन्न पहलुओं खासकर तीन तलाक के मसले पर मदद और मार्गदर्शन किया जाता है.
महिलाओं के एक या दो फोन
लेकिन, हेल्पलाइन से जुड़े सलाहकारों का कहना है कि ये सेवा शुरू होने के बाद से 70 प्रतिशत फोन पुरुषों के आ रहे हैं, जो तलाक और महिलाओं के संपत्ति के अधिकार पर जानकारी मांग रहे हैं.
आॅल बंगाल मुस्लिम वुमन्स एसोसिएशन की संयुक्त सचिव उज़मा आलम का कहना है, ‘मैं जो 10 कॉल सुनती हूं उसमें से 7 या 8 फोन मुस्लिम पुरुषों के होते हैं. इसमें से दो या तीन ही महिलाएं होती हैं. ज्यादातर पूछे जाने वाले सवालों में तलाक, महिलाओं और अन्य के संपत्ति अधिकार शामिल होते हैं.’
बंगाल के बाहर से भी फोन
वह आगे बताती हैं कि क्योंकि यह हेल्पलाइन महिलाओं के लिए है, तो इसलिए पुरुषों को उन्हें ई-मेल आईडी देकर मेल करने के लिए कह दिया जाता है. ये फोन कॉल सिर्फ पश्चिम बंगाल से ही नहीं बल्कि दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हैदराबाद और अन्य राज्यों से भी आते हैं.
आलम कहती हैं, ‘मुझे लगता है कि जो पुरुष फोन करते हैं उन्हें धार्मिक कानूनों की ठीक से जानकारी नहीं होती. जैसे की एक पुरुष ने पूछा था कि उसने गुस्से में आकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था लेकिन अब वह फिर से उसके साथ रहना चाहता है. वहीं, महिलाएं ज्यादातर तलाक, रोजगार, शिक्षा और हिजाब से जुड़े सवाल भी पूछती हैं.’