नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का असर पूरे देश पर है. नोटबंदी के बाद लोगों को एटीएम और बैंकों के आगे लंबी कतारों में सुबह से शाम खड़े देखा जा सकता है. आलम तो ये है कि नोट की कमी के कारण लोगों के कारोबार भी ठप पड़े हुए हैं. इसमें बड़े व्यापारियों से लेकर रिक्शा वाले भी खासे परेशान हैं. इसी परेशानी के चलते एक रिक्शा वाले ने कमाई ना होने के कारण रिक्शा चलाकर ही वापस अपने गांव की ओर रुख कर लिया है.
नोटबंदी से पहले 500 रुपये की कमाई रोज
इस रिक्शा वाले का नाम राजकुमार है. 9 साल पहले राजकुमार दिल्ली में रोजगार की तलाश में आया था. मजदूरी करके पैसे जोड़कर रोजी-रोटी कमाने के लिए उसने एक रिक्शा खरीद लिया. जिसके बाद रिक्शा चलाकर रोजाना 500 रुपये के करीब कमाई करके वो अपना पेट भी पालता और घर पर अपनी बूढ़ी मां को भी पैसे भेजता. लेकिन नोटबंदी के बाद पैसों की कमी के कारण कमाई मंदी हो गई. पैसों की कमी के कारण सवारियां रिक्शा पर नहीं बैठती.
नोटबंदी के बाद बर्तन बेचने की आई नौबत
नोटबंदी का राजकुमार पर इस कदर असर पड़ा कि पूरा दिन रिक्शा खाली रहने लगा और खाने तक के पैसे जुटाने भी नसीब नहीं हुए. खर्चा निकालने के लिए घर के बर्तन तक बेचने की नौबत आ गई. अंत में थक हारकर राजकुमार रिक्शा लेकर ही अपने घर लखनऊ की ओर चल पड़ा. दिल्ली से लखनऊ जाने के बीच जेब खाली होने पर रास्ते में कुछ सवारियों को बैठाकर काम चलाऊ पैसे जरूर जुटा लेता लेकिन नोटबंदी के बाद धंधे में उतनी कमाई नहीं जितनी नोटबंदी से पहले थी.
14 नवंबर को अपना रिक्शा लेकर दिल्ली से रवाना हुआ राजकुमार गुरुवार की रात बरेली पहुंचा और शनिवार को लखनऊ की तरफ निकला है.