रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में चार बेटियों ने रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर मुखाग्नि भी दी. खबर के मुताबिक, रायपुर के शिवानंद नगर निवासी कस्तूरी बेन का 29 मई को निधन हो गया था. उनका कोई बेटा नहीं, बल्कि चार बेटियां हैं. मां की मौत की खबर मिलते ही देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाली बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देने का निर्णय लिया.
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी में चार बेटियों ने रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ते हुए अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर मुखाग्नि भी दी. खबर के मुताबिक, रायपुर के शिवानंद नगर निवासी कस्तूरी बेन का 29 मई को निधन हो गया था. उनका कोई बेटा नहीं, बल्कि चार बेटियां हैं. मां की मौत की खबर मिलते ही देश के अलग-अलग शहरों में रहने वाली बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कंधा और मुखाग्नि देने का निर्णय लिया.
रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ने वाल ये बेटियां हैं- कल्पना नरेश लोडाया (अहमदनगर, महाराष्ट्र), वीणा जवेरचंद लोडाया (मुंबई), मनीषा दीपक लोडाया (यवतमाल, महाराष्ट्र) और योगिता मनीष लोडाया (नासिक, महाराष्ट्र). इन चारों बहनों ने निर्णय लिया कि उनके पिता तिलकचंद जैन अब रायपुर में अकेल नहीं रहेंगे, वह तीन-तीन महीने अपनी चारों बेटियों के पास रहेंगे.
लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने इसे समाज के लिए एक मिसाल बताया.