Advertisement

‘पैसे देकर आतंकियों को आपस में लड़ाने में कुछ गलत नहीं’

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बहुत बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आतंकियों को मारने के लिए आतंकी बनने में बुराई क्या है. पर्रिकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में इसके लिए पैसे देकर आतंकी बनाने की वकालत भी की है. पार्रिकर के मुताबिक, ''पैसे के लालच और आर्थिक बदहाली की वजह से ही आदमी आतंकी बनाए जाते हैं, उन्हें आतंकवाद के लिए पैसे मिलते हैं. अगर इस तरह ही लोग आतंकी बनते हैं, तो हम उनका इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?.''

Advertisement
  • May 22, 2015 3:36 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बहुत बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आतंकियों को मारने के लिए आतंकी बनने में बुराई क्या है. पर्रिकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में इसके लिए पैसे देकर आतंकी बनाने की वकालत भी की है. पार्रिकर के मुताबिक, ”पैसे के लालच और आर्थिक बदहाली की वजह से ही आदमी आतंकी बनाए जाते हैं, उन्हें आतंकवाद के लिए पैसे मिलते हैं. अगर इस तरह ही लोग आतंकी बनते हैं, तो हम उनका इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?.”
 
इसके साथ ही परिर्रकर ने कहा कि, ”आतंकियों के खिलाफ आतंकियों का इस्तेमाल करने में बुराई क्या है? हमेशा हमारे सैनिक ही आतंकियों को क्यों मारें?” आतंकियों के खिलाफ हमारी रणनीति की प्राथमिकता पहले उन्हें पहचानने और फिर बेअसर करने की है. आतंकियों को मारने के लिए खुफिया जानकारियां जुटाई जा रही हैं. इसके अलावा परिर्रकर ने कहा- सीमा पर बीएसएफ की जवाबी फायरिंग कम करने के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया था.
 
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आज से दो दिनों के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं.  पाकिस्तान से लगी सियाचिन सीमा पर सुरक्षा का जायजा लेंगे. मोदी सरकार के कामकाज के एक साल पूरा होने पर एबीपी न्यूज के कार्यक्रम शिखरसम्मेलन पर देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने  बातचीत करते हुए बताया कि सीमा पर गोलाबारी के वक्त पाकिस्तान ने गिड़गिड़ा कर गोलाबारी बंद करने की गुहार लगाई थी.
  
पर्रिकर ने आगे कहा कि आतंकी सिर्फ आतंकी होते हैं, उन्हें सिर्फ गोली की भाषा समझ में आती है. अगर पाकिस्तान ने कोई भी नापाक कोशिश की तो हम ईंट का जवाब पत्थर से नहीं बल्कि गोली से देंगे.  रक्षामंत्री से जब वन रैंक वन पेंशन के ऐलान को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, भारत में अच्छे दिन जल्द ही आने वाले हैं वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं. सब्र का फल मीठा होता है पर उसके लिए थोड़ा इंतजार कीजिए.
 
पार्रिकर ने रक्षामंत्री बनने को लेकर बताया कि मेरी पहली पसंद हमेश ही गोवा अगर मेरे पास ऑप्शन होता तो मैं कभी गोवा नहीं छोड़ता  लेकिन मुझे लगता है कि केंद्र सरकार के लिए यही मेरी उत्तम सहयोग है. और मेरे मंत्री बनने में नागपुर (संघ) की कोई भूमिका नहीं रही है. पर्रिकर से जब  सवाल पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान को लेकर आक्रामक थी तो जवाब में पर्रिकर ने कहा, नहीं आतंकी गतिविधियोम को कतई स्वीकारा नहीं जाएगा. जरुरत पढ़ने पर मुंहतोड़ जवाब देंगे.
 
जानें रक्षा मंत्री ने क्या कुछ कहा.
 
सवाल..सिर्फ चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान के प्रति आक्रामक थे
मुझे रक्षा मंत्री बनाने में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी. यदि मुझे च्वाइस दिया गया होता तो मैं गोवा ही रहना पसंद करता.
सवाल..आपके रक्षा मंत्री बनने में आरएसएस की क्या भूमिका था?
यदि कोई ये समझे कि मैं रफेल सौदे में लूप में नहीं था वह गलत होगा.  दो ढ़ाई महीने में रफेल विमान खरीदने के लिए प्रक्रिया पूरी हो जाएगी
सवाल..रफेल विमान कोई नहीं खरीद रहा है और आपने सौदा कर लिया?
होता ये है कि हम खरीदते कभी है डिलीवरी में वक्त लगता है. रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर काम हो रहा है.
सवाल..रक्षा क्षेत्र को आधुनिक बनाने का प्लान क्या है?
ड्रग स्मगलर खुद को नहीं उड़ाते. पोरबंदर में नाव में स्मगलर नहीं आतंकी थे.
सवाल… पोरवंदर के पास पाक आतंकियों की नाव उड़ाने का विवाद आज तक नहीं सुलझा?
वन रैंक वन पेंशन पर काम हो गया है, एलान कब होगा अभी तय नहीं हुआ है.
सरकार के काम से अच्छे दिन आने वाले हैं. वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा करने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं. सब्र का फल मीठा होता है. थोड़ा इंतजार कीजिए
सवाल-वन रैंक, वन पेंशन का क्या हुआ?
रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि अभी काफी कम हो गया है. क्योंकि हमने सीजफायर का जवाब दे दिया है तो अब उनको पता चल गया है कि ये लोग अब चुप बैठने वाले नहीं हैं

एजेंसी इनपुट

Tags

Advertisement