25-25 रुपये मिलाकर 11 महिलाओं ने खरीदा लॉटरी टिकट, लगा 10 करोड़ का जैकपॉट

तिरुवनंतपुरम: केरल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां उधार के चंद पैसों से 11 महिलाओं की किस्मत ऐसी चमकी की वह रातोंरात करोड़पति बन गईं. इन सभी महिलाओं ने कुछ रूपये उधार लेकर 250 रूपये में लॉटरी की टिकट खरीदी थी जिसके बाद उनका जैकपॉट लग गया. महिलाओं को 10 […]

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25-25 रुपये मिलाकर 11 महिलाओं ने खरीदा लॉटरी टिकट, लगा 10 करोड़ का जैकपॉट

Riya Kumari

  • July 28, 2023 12:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

तिरुवनंतपुरम: केरल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां उधार के चंद पैसों से 11 महिलाओं की किस्मत ऐसी चमकी की वह रातोंरात करोड़पति बन गईं. इन सभी महिलाओं ने कुछ रूपये उधार लेकर 250 रूपये में लॉटरी की टिकट खरीदी थी जिसके बाद उनका जैकपॉट लग गया. महिलाओं को 10 करोड़ रुपए की लॉटरी लगी है. हैरानी की बात तो ये है कि आज जो महिलाएं करोड़ों की मालकिन हैं उनके पास कभी लॉटरी टिकट खरीदने के 25 रुपए भी नहीं थे.

 

लॉटरी विभाग ने दी जानकारी

दरअसल ये पूरा मामला केरल के परप्पनंगडी नगर पालिका से सामने आया है जहां ये सभी महिलाएं कूड़ा उठाने का काम करती हैं. इन्हीं महिलाओं में से किसी एक ने अपनी किस्मत आजमाने के लिए अपने एक परिचित से मामूली सी रकम उधार ली थी. लेकिन इन सभी महिलाओं में से किसी ने नहीं सोचा होगा कि वह रातोंरात करोड़पति बन जाएंगी. लॉटरी विभाग ने इन महिलाओं को 10 करोड़ रुपये के मानसून बंपर का विजेता घोषित किया है. ये घोषणा बुधवार को आयोजित एक ड्रा के बाद केरल लॉटरी विभाग द्वारा की है.

 

जाहिर की ख़ुशी

टिकट खरीदने वाली राधा ने उत्साहित होकर कहा है, ‘हमने पहले भी पैसे इकट्ठा करके लॉटरी टिकट खरीदे हैं. लेकिन यह पहली बार है कि हमने कोई बड़ा पुरस्कार जीता है.’ अन्य महिला ने बताया कि वह ड्रा का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थीं लेकिन किसी ने जब उन्हें बताया गया कि पड़ोसी पलक्कड़ में बेचीं गई टिकट का पहला पुरस्कार जीता है तो उन्हें बहुत दुःख हुआ.

आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं महिलाएं

वह आगे कहती हैं कि ‘जब आखिरकार पता चला कि हमें ही जैकपॉट मिल गया है तो उत्साह और खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. हम सभी जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और पैसा हमारी समस्याओं को हल करने में काफी हद तक राहत देगा.’ बताया जा रहा है कि ये सभी महिलाएं कमज़ोर आर्थिक तबके से आती हैं जिन्हें अपने घर का गुज़ारा करने में काफी समस्या होती है. उन्हें हरिता कर्म सेना के सदस्यों के रूप में काफी मामूली वेतन मिलता है जो उनके परिवार की आय का एकमात्र साधन है. गौरतलब है कि हरिता कर्म सेना गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को घरों और प्रतिष्ठानों से उठाने का काम करती है जिसे रीसाइक्लिंग के लिए श्रेडिंग इकाइयों में भेजा जाता है.

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