नई दिल्ली: मगरमच्छ पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित प्राणियों में से एक माना जाता हैं और ये खतरनाक शिकारियों के रूप में से एक भी है जो अन्य जानवरों को पलभर में अपना शिकार बना लेते हैं.
नई दिल्ली: मगरमच्छ पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित प्राणियों में से एक माना जाता हैं और ये खतरनाक शिकारियों के रूप में से एक भी है जो अन्य जानवरों को पलभर में अपना शिकार बना लेते हैं. मगरमच्छ के बारे में एक तथ्य यह भी है कि उनका पेट भरा हुआ कभी नहीं लगता है. पर्याप्त भोजन के बाद भी वे शिकार करने में नहीं चुकते हैं. आज हम आपको दुनिया के सबसे बूढ़े मगरमच्छ के बारे में बताने जा रहे है, जिनका वजन करीब 750 किलो है और उसकी 6 पत्नियां हैं. जिनके साथ उसने करीब 10 हजार संतानों को जन्म दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मगरमच्छ का जन्म 16 दिसंबर 1900 को बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा में हुआ था और अब वह 123 साल का हो गया है. इस मगरमच्छ का जन्मस्थान एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो दक्षिणी अफ्रीकी देश में स्थित है. इस मगरमच्छ का नाम हेनरी हैं और इसका पैर बड़े हैं, उसकी त्वचा पपड़ीदार है. यह मगरमच्छ इतना विशाल है कि उसकी लंबाई एक बस के बराबर है.
बताया जा रहा है कि उसने एक बार स्थानीय बोत्सवाना जनजाति के बच्चों का शिकार किया था और उसके हिंसक कार्यों से लोग इतने परेशान हो गए थे कि साल 1903 में सर हेनरी को मारने के लिए एक हाथी शिकारी की सहायता ली. लेकिन मारने के बजाय उसे आजीवन कारावास की सजा देने का फैसला किया. पिछले तीन दशकों से दक्षिण अफ्रीका के स्कॉटबर्ग में हेनरी रह रहा है.