बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के 2,615 उम्मीदवारों का फैसला आज होना है जहां राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए 10 मई को वोटिंग करवाई गई थी. वोटिंग के बाद अब पूरे देश की नज़र कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर है. क्योंकि ये विधानसभा चुनाव ठीक लोकसभा चुनाव के पहले हैं इसलिए इन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है.
राज्य की त्रिशंकु विधानसभा की वजह से भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस के बीच कड़ा मुकाबला रहा. हालांकि ये मुकाबला मुख्य तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच देखने को मिल रहा है. जहां हर पार्टी ने चुनावी प्रचार के लिए पुरजोर कोशिश की है. अब देखना ये है कि क्या राज्य में 38 साल पुराना ट्रेंड कायम रहेगा या भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी.
दरअसल 38 साल से राज्य में सत्ता रिपीट नहीं हुई है जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. यदि भाजपा इस साल जीत हासिल करती है तो यकीनन वह इस रिकॉर्ड को तोड़ देगी. पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) एक ही पार्टी ने कर्नाटक में बहुमत हासिल किया है. 2004, 2008, 2018 में भाजपा ही राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
आखिरी बार राज्य में 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी की थी. हालांकि इस बार एग्जिट पोल के नतीजे और मतदान का आंकड़ा कुछ और ही संभावनाओं को दिखा रहे हैं. बता दें, 224 सीटों के लिए 10 मई को 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। इस साल कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है जो 1957 के बाद से राज्य चुनावी इतिहास में सबसे अधिक है.
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