KARNATAK ELECTION : तटीय इलाके, बेंगलुरू और ओल्ड मैसूर का क्या है सियासी समीकरण

बेंगलुरू : चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है जिसके बाद गर्मी में और गर्मी बढ़ गई है. मौजूदा समय में कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में है और सीएम बसवराज बोम्मई हैं. बीजेपी के लिए कर्नाटक चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दक्षिण भारत में सिर्फ कर्नाटक में ही बीजेपी सत्ता में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस को यहां पर काफी समर्थन मिला था. राजनीतिक विश्लेषक बता रहा है कि कर्नाटक का चुनाव सेमीफाइनल है क्योंकि एक साल के बाद लोकसभा का चुनाव होने वाला है.

हर राज्यों की तरह कर्नाटक में भी अलग-अलग इलाकों में जनता का मूड अलग-अलग है. कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बीजेपी मजबूत है तो कुछ जगह कांग्रेस तो कहीं पर जेडीएस ने अपना झंडा गाड़े हुए है.

तटीय इलाके में बीजेपी की पकड़ मजबूत

इस इलाके में नाथ संप्रदाय की संख्या ज्यादा हैं इसको देखते बीजेपी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए उतार सकता है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और इस इलाके के बड़े नेता माने जाते है लेकिन वे काफी दिन से खामोश है. ये इलाका नाथ संप्रदाय के गढ़ माना जाता है यहां पर मंगलुरू का कदाली मठ है. इस इलाके में कांग्रेस को कुछ ज्यादा अब तक सफलता नहीं मिली है.

लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से येदियुरप्पा अलग हो गए थे तब बीजेपी को नुकसान हो गया था और कांग्रेस ने बढ़िया प्रदर्शन किया था. इस क्षेत्र में 19 सीटें है और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 सीटों पर दर्ज की थी. वहीं बीजेपी ने 4 और अन्य के खाते में 1 सीट गई थी. लेकिन जब येदियुरप्पा बीजेपी में वापस लौटे तो फिर से बीजेपी ने यहां पर कमाल कर दिया.

जेडीएस का गढ़ है ओल्ड मैसूल क्षेत्र

ओल्ड मैसूल का क्षेत्र जेडीएस का गढ़ मान जाता है. इस इलाके में वोक्कालिंगा सुमदाय की संख्या अधिक है जिसे जेडीएस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है. वोक्कालिंगा समुदाय के अलावा कोरबा और दलित भी काफी निर्णायक है. जब से कर्नाटक राज्य की स्थापना हुई है विधानसभा चुनाव हो रहा है उसी के बाद से यहां पर लड़ाई कांग्रेस और जेडीएस के बीच ही रहती है. भाजपा इस क्षेत्र में काफी प्रयास करती है लेकिन उसको काफी सफलता इस क्षेत्र में नहीं मिल पाई है. ओल्ड मैसूल क्षेत्र में 66 सीटें है.

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता हाथ लगी थी. यहां पर 27 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी वहीं जडीएस ने 25 सीटों पर जीत का परचम फहराया था. बीजेपी के खाते में सिर्फ 4 सीटें गई थी. लेकिन 2018 के विधानसभा का परिणाम बिल्कुल अलग था. बीजेपी ने यहां पर शानदार जीत दर्ज की थी 4 सीटों से सीधे 15 सीट पर पहुंच गई थी. इस क्षेत्र में बीजेपी काफी जोर लगा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहीं से चुनावी बिगुल फूका था. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का इस इलाके में काफी दबदबा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री वोक्कालिंगा समुदाय से आते है वहीं पूर्व सीएम सिद्धारमैया कोरबा समुदाय से आते है. इस क्षेत्र में बीजेपी की इसलिए भी उम्मीद बढ़ गई है क्योंकि पूर्व सीएम एसएम कृष्णा बीजेपी में शामिल हो गए है और वे वोक्कालिंगा समुदाय से आते है.

बेंगलुरु तय करेगा कर्नाटक की सत्ता

इस इलाके में लोग काफी पढ़े लिखे है. बेंगलुरू में सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस की लड़ाई रहती है. देश के लगभग हर शहरी क्षेत्रों में बीजेपी की अच्छी पकड़ है. बेंगलुरू में ब्राह्मण वर्ग की संख्या ज्यादा है जो बीजेपी का वोटर माना जाता है. इस इलाके में बीजेपी के फायदा हो सकता है. वहीं मुस्लिमों को कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है इसलिए कांग्रेस को हम कम नहीं आंक सकते है. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस इलाके से आते है जैसे दिनेश गुंडूराव और मुस्लिम चेहरा रहमान खान. बेंगलुरू में 28 विधानसभा क्षेत्र है. 2018 के विधानसभा चुनाव में 11 बीजेपी, 13 कांग्रेस और 2 सीटों पर जेडीएस ने जीत दर्ज की थी.

Adipurush Poster: ‘आदिपुरुष’ के नए पोस्टर में राम, सीता और लक्ष्मण के लुक पर उठे सवाल

 

2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की भूमिका पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान-” सबको एक होना होगा “

Tags

bjpBS Yediyurappacongresscongress dk shivkumarjdskarnataka 224 seatskarnataka assembly election 2023karnataka election newskarnataka political situation
विज्ञापन