बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोटिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है जहां एग्जिट पोल के नतीजे भी जारी हो गए हैं. अब इंतज़ार है तो बस नतीजों का जिसके बाद राज्य में सरकार बनाई जाएगी. लेकिन इसी बीच राज्य के एक भाजपा विधायक से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. के आर पेट विधानसभा क्षेत्र में कथित रूप से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार की रात यानी मतदान से एक दिन पहले मतदाताओं को रिझाने के लिए साड़ी और चिकन वितरित किया था. लेकिन अगले दिन जैसे ही इस बात की भनक कांग्रेस को हुई तो इस बारे में सवाल पूछे जाने लगे और ये मामला सामने आया.
हालांकि ग्रामीणों ने “फ्री में दिए गए सामान” को लौटा दिया. ये सारा सामान बुधवार की सुबह एक स्थानीय नेता के बंद दरवाजे पर जा रखा जहां ग्रामीणों को नेता के दरवाजे पर चिकन से लेकर साड़ी तक फेंकते हुए देखा गया. इतना ही नहीं इस दौरान पार्टी के खिलाफ नारेबाजी भी की गई. ग्रामीण इस बीच चिल्लाते रहे “धिक्कार है और आपको शर्म आनी चाहिए।’ इस बीच ये सब कैमरे में कैद हो गया.
हालांकि बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग को इसके खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है. दूसरी ओर इस मामले को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस दोनों के जिला स्तरीय नेताओं ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. एक ग्रामीण ने स्थानीय चैनल को बताया है कि चिकन और साड़ी के साथ अनुसूचित जाति बहुल गंजीगेरे गांव में “भाजपा कार्यकर्ता” पार्टी को वोट देने का “लालच” देने आए.
इस दौरान ग्रामीणों ने उपहार लेने से इनकार कर दिया। इस दौरान भाजपा नेता दरवाजे पर ही साड़ी और चिकन को छोड़कर चले गए. लेकिन ग्रामीणों ने खुद ये सामान वापस करने का फैसला किया. एक ग्रामीण ने बताया है कि “हम नहीं चाहते कि वे (नेता) हमें इन सब चिजों से लुभाएं. हम जिसे चाहेंगे, उसे वोट देंगे.” बताया जा रहा है कि कुछ ग्रामीणों ने “उपहार” को स्वीकार भी किया लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता जब उनके पास आए तो उनका भी मन बदल गया.
गांव में रहने वाले एक वकील ने कहा है कि ग्रामीण तथाकथित गिफ्ट को वापस कर ये बताना चाहते थे कि वो भाजपा को वोट नहीं देंगे. उसने बताया कि भाजपा उम्मीदवार नारायण गौड़ा के समर्थक लगभग 2 बजे गाँव में आए थे. यहां उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए चिकन, पैसे और साड़ी का लालच दिया. गौड़ा के समर्थकों ने फिर तड़के 3 से 4 बजे के बीच ये सामान घरों के बाहर रख दिया. हालांकि जबरदस्ती दिए गए ‘उपहार’ को ग्रामीणों ने फेंक दिया. कुछ ने इन्हें नदी में बहा दिया तो कुछ ने उल्टा भाजपा के घर के बाहर ही तथाकथित तोहफों की लाइन लगा दी.
बता दें, केआर पेट एक समय में कांग्रेस का गढ़ था लेकिन यहां अब जद (एस) का वर्चस्व है. इस क्षेत्र में 2013 और 2018 में जद (एस) के प्रत्याशी केसी नारायण गौड़ा ने जीत हासिल की थी. हालांकि उन्होंने 2019 में केंद्र सरकार बनने के बाद इस्तीफा देते हुए भाजपा ज्वाइन कर ली थी.
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