बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव में अब केवल 20 दिन से भी कम समय बचा हुआ है. तभी राजनीतिक पार्टियों के बीच दूध का मुद्दा गरमा गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि सहकारी डेयरी नंदिनी और अमूल के बीच विलय नहीं होगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर […]
बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव में अब केवल 20 दिन से भी कम समय बचा हुआ है. तभी राजनीतिक पार्टियों के बीच दूध का मुद्दा गरमा गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि सहकारी डेयरी नंदिनी और अमूल के बीच विलय नहीं होगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर हम सीएम बनते है तो पूरे प्रदेश की जनता से अपील करेंगे की अमूल का दूध नहीं खरीदें.
कर्नाटक में पहले दूध के सिर्फ आइसक्रीम मिलते थे लेकिन अब अमूल ने ऐलान किया है कि कर्नाटक में दूध और दही भी उपलब्ध होगा. उसके बाद से तमाम राजनीतिक दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया हैं. पूर्व सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि अमूल कर्नाटक में घुसकर किसानों को बर्बाद करना चाहता है. डेयरी नंदनी किसानों के द्वारा चलाई जाती है. हम इसलिए अमूल का विरोध कर रहे है कि क्योंकि यहां पर अमूल के आने से किसानों को बहुत नुकसान होगा. अमूल ने 5 अप्रैल को ऐलान किया की अब कर्नाटक में दूध और दही भी उपलब्ध होगा. उसके बाद से विपक्षी दलों के निशाने पर बीजेपी आ गई है.
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई. जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.