बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में जारी बगावत को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बड़ा बयान दिया है। एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि भाजपा छोड़ने वाला कोई भी नेता फला-फूला नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी कर्नाटक […]
बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में जारी बगावत को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बड़ा बयान दिया है। एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि भाजपा छोड़ने वाला कोई भी नेता फला-फूला नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी कर्नाटक में फिर से सत्ता पर काबिज होगी और सत्ता परिवर्तन के रिवाज को तोड़ेगी। बता दें कि कर्नाटक में साल 1985 से अब तक किसी पार्टी ने भी लगातार दो बार सत्ता में वापसी नहीं की है। राज्य में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज है।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इशारों-इशारों में भाजपा से कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सादवी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जनसंघ के दिनों से ही जो भी लोग पार्टी छोड़कर गए हैं, वो फले-फूले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी छोड़कर जाने वालों से पार्टी को कोई नुकसान नहीं है। जो भी नेता अपनी पार्टी छोड़ता है, वो विचारधारा के खिलाफ अलग एक लड़ाई लड़ता है, इससे निश्चित तौर पर हमेशा नुकसान दलबदलुओं की ही होता है।
बता दें कि कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने 17 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया। शेट्टार भी टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी आलाकमान से नाराज बताए जा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।