नई दिल्ली: सोमवार को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने मंजूर कर लिया है। हाई कोर्ट के आर्डर पर शाशन ने लिया ये फैसला। 23 जून 2023 को निशा बांगरे ने अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था। उस समय एमपी सरकार ने निशा के इस्तीफे को नहीं […]
नई दिल्ली: सोमवार को डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार ने मंजूर कर लिया है। हाई कोर्ट के आर्डर पर शाशन ने लिया ये फैसला। 23 जून 2023 को निशा बांगरे ने अपने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था। उस समय एमपी सरकार ने निशा के इस्तीफे को नहीं स्वीकारा था।
आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए निशा ने डिफ्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ी है। इसके लिए निशा ने 3 महीने पहले जून में ही इस्तीफा दे दिया था, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। ऐसे में निशा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने फिर हाई कोर्ट को इस मामले में निर्णय लेने का आदेश दिया। आदेश को मद्देनजर रखते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में निर्णय लेने के लिए 23 अक्टूबर तक का समय दिया था। इसका पालन करते हुए सरकार ने 23 को निशा का इस्तीफा मंजूर कर लिया। इस जानकारी को 24 अक्टूबर को सार्वजनकि किया गया।
बता दें कि निशा ने सबसे पहले हाई कोर्ट में ही मामले की सुनवाई की अर्जी डाली थी, मगर फैसले में देरी होने पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख करना पड़ा।
इस्तीफे की मंजूरी के लिए निशा ने बहुत पापड़ बेले हैं। निशा ने इसके लिए आमला से भोपाल तक की पैदल यात्रा निकाली। इससे भी कुछ फायदा नहीं हुआ तो निशा ने सीएम हाउस के सामने आमरण अनशन पर बैठने तक की धमकी दे डाली, जिसके बाद इन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया गया था। तब निशा को एक दिन जेल में भी बीताना पड़ा।
दरअसल निशा ने अपनी सरकारी नौकरी कांग्रेस से चुनावी टिकट मिलने के लालच में छोड़ा है। मगर उनके इस्तीफे की मंजूरी में देरी होने पर कांग्रेस ने इस फैसले के एक दिन पहले सोमवार को ही आमला विधानसभा सीट से मनोज माल्वे को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। हालांकि अब निशा का इस्तीफा स्वीकार का लिया गया है तो ऐसे में कांग्रेस आमला सीट से अपना प्रत्याशी बदल भी सकती है।