बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के कई बड़े नेता टिकट नहीं मिलने के बाद दूसरी दलों में शामिल हो चुके हैं। बताया जा रहा था कि पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता केएस ईश्वरप्पा भी बेटे को टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे […]
बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के कई बड़े नेता टिकट नहीं मिलने के बाद दूसरी दलों में शामिल हो चुके हैं। बताया जा रहा था कि पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता केएस ईश्वरप्पा भी बेटे को टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। इस बीच आज प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने ईश्वरप्पा की काफी तारीफ की, जिससे वो काफी खुश नजर आए। प्रधानमंत्री ने ईश्वरप्पा से कहा कि पार्टी हमेशा उनके साथ रहेगी।
पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा ने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत के बाद कहा कि मुझे उनके फोन कॉल की उम्मीद नहीं थी। हम कर्नाटक में फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार लाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। बता दें कि ईश्वरप्पा कर्नाटक सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने हाल ही पार्टी आलाकमान को बताया था कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व मंत्री ने बीजेपी नेतृत्व से उन्हें शिवमोग्गा से चुनावी मैदान में नहीं उतारने का अनुरोध किया था। हालांकि उन्होंने इस सीट से अपने बेटे केई कांतेश के लिए टिकट मांगा था, लेकिन बीजेपी ने चन्नाबासप्पा को अपना उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को ईश्वरप्पा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी से नाराज नहीं है। बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। ईश्वरप्पा ने कहा जो लोग भी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस और जेडीएस में शामिल हो चुके हैं, मुझे उन्हें फिर से वापस लाना है। भाजपा जीतेगी और भारी बहुमत के साथ फिर से राज्य में सरकार बनाएगी।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।