बेंगलुरू। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में आज राज्य की हुबली धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी महेश तेंगिनाकाई पर्चा भरेंगे। नामांकन दाखिल करने से पहले महेश सिद्धारूढ़ स्वामीजी मठ पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने […]
बेंगलुरू। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल करने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में आज राज्य की हुबली धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी महेश तेंगिनाकाई पर्चा भरेंगे। नामांकन दाखिल करने से पहले महेश सिद्धारूढ़ स्वामीजी मठ पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा झूठ बोलती है। उनके नेता झूठ में बोलने में माहिर हैं। सिद्धारमैया ने राज्य में आग लगाने का काम किया है। महेश तेंगिनाकाई ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलेगा।
हुबली धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी महेश तेंगिनाकाई का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार जगदीश शेट्टार से होगा। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने बीते दिनों टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था और वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा था। बता दें कि हुबली धारवाड़ सीट से वर्तमान विधायक अरविंद बेल्लाद हैं।
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में हुबली-धारवाड़-मध्य विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया। पर्चा भरने के बाद मीडिया से बात करते हुए शेट्टार ने कहा था कि उन्होंने 6 विधानसभा चुनाव देखें हैं और वह जनता की नब्ज को अच्छे से समझते हैं। शेट्टार ने दावा किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत से विजय हासिल करेगी।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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