बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा की सभी 224 सीटों पर मतदान जारी है। वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। इस दौरान कर्नाटक की जनता उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों में कैद करेगी। इसके बाद 13 मई को मतों की गणना की जाएगी। चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच […]
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा की सभी 224 सीटों पर मतदान जारी है। वोटिंग सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगी। इस दौरान कर्नाटक की जनता उम्मीदवारों की किस्मत मतपेटियों में कैद करेगी। इसके बाद 13 मई को मतों की गणना की जाएगी। चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) के बीच है। 224 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 113 सीटें हासिल करना जरूरी है।
इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने राज्यभर में जमकर रैली और रोड शो किए। जहां सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता में वापसी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत केंद्रीय नेतृत्व के सभी बड़े नेताओं ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया। वहीं, मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने खूब प्रचार किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी भी जनसभा को संबोधित किया।
विधानसभा सीट- 224
उम्मीदवार- 2,615
कुल मतदाता- 5,31,33,054
पुरुष मतदाता- 2,67,28,053
महिला मतदाता- 2,64,00,074
युवा मतदाता- 11,71,558
कुल मतदान केंद्र- 58,545
बता दें कि कर्नाटक चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने दागी उम्मीदवारों को जमकर टिकट दिए। विधानसभा चुनाव में कुल दागी उम्मीदवारों की संख्या 581 (22%) है। इनमें से 404 उम्मीदवार गंभीर दागी हैं, जिनके ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इस चुनाव में सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों की टिकट देने वाली पार्टी की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा 96% दागी नेताओं को मैदान में उतारा है। कांग्रेस और जेडीएस ने भी बड़ी संख्या में दागियों को टिकट दिया है।
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।