Karnataka Election : विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक

बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी तेज हो रही है. बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है. जिस नेता को टिकट नहीं मिला वे नेता पाला बदल रहे है. वहीं कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए है. […]

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Karnataka Election : विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक

Vivek Kumar Roy

  • April 15, 2023 4:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी तेज हो रही है. बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है. जिस नेता को टिकट नहीं मिला वे नेता पाला बदल रहे है. वहीं कांग्रेस ने चुनाव की तैयारियों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए है.

कांग्रेस ने 61 ऑब्जर्वर किए नियुक्त

विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस ने 61 ऑब्जर्वर नियुक्त किए है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के लिए मंजूरी दे दी है. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कांग्रेस ने 5 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है.

कांग्रेस ने जारी की तीसरी सूची

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने आज तीसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में कुल 43 उम्मीदवारों के नाम हैं. कांग्रेस ने पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को अथानी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि सावदी ने बीते दिनों टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने कोलार विधानसभा क्षेत्र से कोथूर जी मंजूनाथ को प्रत्याशी बनाया है.

बीजेपी ने मचा घमासान

टिकट बंटवारे के बाद भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. इस बीच बीजेपी को एक और झटका लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समुदाय के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा के करीबी सहयोगी एनआर संतोष ने आज जनता दल (सेक्युलर) का दामन थाम लिया है. बीजेपी नेता एनआर संतोष आज एचडी कुमारस्वामी की मौजूदगी में जेडीएस में शामिल हुए. उनका पार्टी छोड़ना दोबारा सत्ता में आने की कोशिश में लगी बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव थे

बता दें कि एनआर संतोष को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का काफी करीबी माना जाता है. वे येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि एनआर संतोष बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे. वे पिछले तीन वर्षों से अरसीकेरे विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे थे और उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाएगी. लेकिन बीजेपी ने जीवी बसवराजू को टिकट दे दिया.

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