बेंगलुरु: आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ़ हो जाएंगे. जहां राज्य की 224 सीटोंका भविष्य तय हो जाएगा. मतगणना भी शुरू हो चुकी है वहीं शुरूआती रुझानों में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा भी पार कर चुकी है. हालांकि एग्जिट पोल्स और वोटिंग पैटर्न अलग-अलग नज़र आ रहा है. एग्जिट पोल की मानें तो पोल […]
बेंगलुरु: आज कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ़ हो जाएंगे. जहां राज्य की 224 सीटोंका भविष्य तय हो जाएगा. मतगणना भी शुरू हो चुकी है वहीं शुरूआती रुझानों में कांग्रेस बहुमत का आंकड़ा भी पार कर चुकी है. हालांकि एग्जिट पोल्स और वोटिंग पैटर्न अलग-अलग नज़र आ रहा है. एग्जिट पोल की मानें तो पोल ऑफ द पोल ने साफ़ कर दिया था कि कांग्रेस ही इस बार कर्नाटक में सरकार बनाएगी. हालांकि वोटिंग पैटर्न को देखते हुए अलग नतीजों की संभावना जताई जा रही है. नतीजों की घोषणा के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शिमला के जाखू हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंची हैं.
गौरतलब है कि शुरूआती रुझानों में कांग्रेस को बहुत ही स्पष्ट बहुमत मिल गया है. कांग्रेस ने अब 113 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है जहां भाजपा को महज 85 सीटों पर बढ़त मिली है.
शिगगांव: इस सीट से कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं.
वरुणा: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया यहां से चुनाव लड़ रहे हैं.
कनकपुरा: कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार यहां से मैदान में हैं.
चन्नापटना: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी चन्नापटना से चुनाव लड़ रहे हैं.
शिकारीपुरा: इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र चुनाव मैदान में हैं.
रामनगर: इस सीट को भी बेहद खास माना जा रहा है. यहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी मैदान में हैं.
गौरतलब है कि एग्जिट पोल ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनेगी? क्योंकि पोल ऑफ़ द पोल्स बताते हैं कि राज्य में कांग्रेस को अधिकांश सीटों पर जीत हासिल होगी लेकिन भाजपा, कांग्रेस और JDS में से किसी भी पार्टी को क्लियर कट बहुमत नहीं मिलेगा। गौरतलब है कि पिछले चुनावी साल यानी 2018 में भी किसी पार्टी को पूर्ण रूप से बहुमत नहीं मिला था। पिछले विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन (कांग्रेस+जेडीएस) की सरकार ने राज्य की सत्ता संभाली थी। हालांकि बाद में लोकसभा चुनाव का असर हुआ और बागी विधायकों की बदौलत भाजपा को बहुमत मिल गया, लेकिन 2018 के चुनाव नतीजों में भी त्रिशंकु विधानसभा रही थी।
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