बेंगलुरू। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने आज चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया है। प्रियांक ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा भरा है। बता दें कि प्रियांक खड़गे वर्तमान में इसी विधानसभा सीट से विधायक है। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने […]
बेंगलुरू। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने आज चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया है। प्रियांक ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा भरा है। बता दें कि प्रियांक खड़गे वर्तमान में इसी विधानसभा सीट से विधायक है। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। चित्तपुर और उसके आसपास के इलाकों में प्रियांक युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उन्हें अक्सर लोगों के मुद्दों को उठाते हुए देखा जाता है।
इससे पहले डीके शिवकुमार ने रविवार को दावा किया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 130 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी में असंतुष्ट नेताओं की बाढ़ आ गई है। टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। भाजपा में इस वक्त भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली ने कहा कि कर्नाटक में हार के साथ ही बीजेपी दक्षिण से सफाया हो जाएगी।
बता दें कि कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया। शेट्टार टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी आलाकमान से नाराज बताए जा रहे थे, जिसके बाद आज उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने भी बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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