बेंगलुरू। कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर काफी सुर्खियों में रहे उडुपी विधानसभा सीट से विधायक रघुपति भट को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। विधानसभा चुनाव को लेकर जारी हुई पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट में रघुपति का नाम शामिल नहीं है। टिकट नहीं मिलने से नाराज रघपति भट ने कहा है कि […]
बेंगलुरू। कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर काफी सुर्खियों में रहे उडुपी विधानसभा सीट से विधायक रघुपति भट को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया है। विधानसभा चुनाव को लेकर जारी हुई पार्टी उम्मीदवारों की लिस्ट में रघुपति का नाम शामिल नहीं है। टिकट नहीं मिलने से नाराज रघपति भट ने कहा है कि पार्टी ने उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया, उन्हें इससे काफी पीड़ा हुई है। बुधवार को उडुपी में अपने घर पर मीडिया से बात करते हुए रघुपति फफक-फफक कर रो पड़े, उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा प्रत्याशी नहीं बनाए से उन्हें बहुत दुख हुआ है।
रघुपति भट ने कहा कि उन्हें पार्टी के इस फैसले के बारे में न्यूज चैनलों से पता चला। बीजेपी की जिला इकाई के अध्यक्ष ने भी उन्हें फोन कर इसकी जानकारी देना उचित नहीं समझा। भट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को खुद अमित शाह ने फोन कर टिकट के बदलाव के बारे में जानकारी दी। मैं इसकी उम्मीद नहीं करता कि शाह मुझे फोन करेंगे, लेकिन कम से कम हमारे यहां के जिला अध्यक्ष को ऐसा करना चाहिए था। रघुपति भट ने आगे कहा कि अगर मेरी जाति के कारण मुझे उम्मीदवार नहीं बनाया गया है तो मैं इस फैसले से पूरी तरह असमहत हूं।
बीजेपी विधायक रघुपति भट ने कहा कि लगता है कि अब पार्टी को मेरे जैसे बिना थके काम करने वाले लोगों की जरूरत नहीं है। भट ने कहा कि उन्होंने सबसे कठिन वक्त में भी बीजेपी के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि मुझे अभी तक जो भी अवसर मिला है, मैं उसके लिए पार्टी नेतृत्व का आभारी हूं। उडुपी विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने वाले यशपाल सुवर्णा के बारे में उन्होंने कहा कि वह अपना बच्चा है। पार्टी में आगे जाने के लिए मैं हमेशा सुवर्णा का समर्थन करता रहूंगा।
रघुपति भट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व के बर्ताव से वे उस इस तरह सदमे में हैं कि वह अभी तुरंत अपने अगले कदम के बारे में फैसला नहीं कर सकते। भट ने कहा कि उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की खबर पाकर उनके सैंकड़ों समर्थक घर पर आ रहे हैं। लेकिन वह अभी जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे। बता दें कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव के लिए अभी तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है। दोनों लिस्ट में कई मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है, जिसकी वजह से कई नेताओं ने बगावती रूख अपना लिया है।
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