बेंगलुरू : पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने कुछ दिन पहले बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. कांग्रेस में शामिल होते ही जगदीश शेट्टार को हुबली धारवाड़ सेंट्रेल से टिकट मिल गया. इसी सीट से जगदीश शेट्टार टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजपी ने उनको टिकट नहीं दिया था उसके बाद वे […]
बेंगलुरू : पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने कुछ दिन पहले बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. कांग्रेस में शामिल होते ही जगदीश शेट्टार को हुबली धारवाड़ सेंट्रेल से टिकट मिल गया. इसी सीट से जगदीश शेट्टार टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजपी ने उनको टिकट नहीं दिया था उसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए. बीजेपी ने इस सीट से महेश तेंगिंकाई को उम्मीदवार बनाया है. महेश तेंगिंकाई ने जगदीश शेट्टार को अपना गुरू बताया है और कहा है कि जीत हमारी पक्की है.
कांग्रेस का दामन थामने के बाद जगदीश शेट्टार ने संगठन महामंत्री बीएल संतोष पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बीएल संतोष की वजह से कर्नाटक के सभी विधासभा का हाल बुरा है. बीएल संतोष की वजह से लिंगायत समुदाय के लोग परेशान है. जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय के बड़े नेता है और उनका लगभग 30 सीटों पर प्रभाव है.
इस इलाके को पहले मुंबई कर्नाटक के नाम से जाना जाता था. लेकिन मुंबई और कर्नाटक के बीच 2021 में सीमा विवाद हुआ था उसके बाद सीएम बसवराज बोम्मई ने मुंबई कर्नाटक का नाम बदलकर कित्तूर कर्नाटक कर दिया. कित्तूर कर्नाटक में लिंगायुत समुदाय का दबदबा रहा है जिस वजह से बीजेपी की यहां पर मजबूत पकड़ है. बीजेपी के वरिष्ठ और दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा और मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते हैं. इस इलाके में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा पानी है क्योंकि यहां पर पानी की बहुत बड़ी समस्या है.
2013 में जब येदियुरप्पा पार्टी से अलग हो गए थे तब कांग्रेस को फायदा मिला था. इस इलाके में विधानसभा की 28 सीटें है. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटों में से 14 सीटें और बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं जेडीएस के खाते में 4 सीटें गई थी. येदियुरप्पा जब पार्टी में लौटे तो फिर से यहां पर दबदबा बढ़ गया और जेडीएस का सफाया हो गया.
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