बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं जिसमें कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है. लेकिन ऐसे भी कई कांग्रेस प्रत्याशी रहे जिन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस बीच सबसे खराब दांव भाजपा के पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार का रहा जो भाजपा में रहते हुए सीएम की गद्दी तक पहुंच […]
बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं जिसमें कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है. लेकिन ऐसे भी कई कांग्रेस प्रत्याशी रहे जिन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस बीच सबसे खराब दांव भाजपा के पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार का रहा जो भाजपा में रहते हुए सीएम की गद्दी तक पहुंच गए थे लेकिन राज्य में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद बुरी तरह से हार गए.
दरअसल पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार को भाजपा से बगावत भारी पड़ी है. उन्हें हुबली धारवाड़ सेंट्रल सीट से हार का सामना करना पड़ा है. यहां से उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. बता दें, भाजपा के प्रत्याशी महेश टेंगीनकई ने उन्हें इस सीट से बड़े अंतर् से हराया है. गौरतलब है कि शेट्टार भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन इस बार उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया. इस बात से नाराज़ होकर उन्होंने कांग्रेस से हाथ मिला लिया. लेकिन भाजपा से बगावत करना उन्हें भारी पड़ गया और वह हुबली धारवाड़ सीट से हार गए. इस दौरान दिलचस्प बात ये रही कि लिंगायत समुदाय के बड़े नेता कहलाने वाले शेट्टार को उन्हीं शिष्य ने हटाया है. बीजेपी के महेश टेंगीकनई चुनाव प्रचार के दौरान खुद को उनका चेला बताते थे.
इतना ही नहीं उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने भी कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार को लेकर अपनी प्रतिक्रया दी है. उन्होंने कहा है कि यदि कांग्रेस कर्नाटक में जीत रही है तो यह PM मोदी और अमित शाह की हार है।अपनी हार को देखते हुए उन्होंने बजरंग बली को मैदान में उतारा लेकिन उनकी गदा भाजपा पर ही पड़ गई। कर्नाटक में वही हो रहा है जो 2024 में होगा. उनसे पहले छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार को पीएम मोदी की हार बताया है. साथ ही सीएम बघेल ने कांग्रेस के जीतने की ख़ुशी में मिठाइयां भी बांटी.
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