बेंगलुरू। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार ने आज हुबली-धारवाड़-मध्य विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी महेश तेंगिंकाई से होगा। बता दें कि शेट्टार ने बीते दिनों टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने सोमवार को […]
बेंगलुरू। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जगदीश शेट्टार ने आज हुबली-धारवाड़-मध्य विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल कर दिया है। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी महेश तेंगिंकाई से होगा। बता दें कि शेट्टार ने बीते दिनों टिकट नहीं मिलने के बाद बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
Karnataka | Congress leader Jagadish Shettar files nomination from Hubli-Dharwad-Central Assembly constituency
He will face BJP candidate Mahesh Tenginkai in the election. pic.twitter.com/5f4NuOF2Qj
— ANI (@ANI) April 19, 2023
कांग्रेस में शामिल होने के बाद जगदीश शेट्टार ने कहा था कि मैंने सोचा था कि वरिष्ठ नेता होने के नाते मुझे टिकट मिल जाएगा, लेकिन जब मुझे पता चला कि मुझे उम्मीदवार नहीं बनाया जा रहा है, तो मैं चौंक गया। बीजेपी के किसी बड़े नेता ने मुझसे बात नहीं की और न ही उन्होंने मुझे मनाने की कोशिश की। पार्टी आलाकमान द्वारा मुझे आश्वासन भी नहीं दिया गया कि क्या होगा? क्या मुझे कोई पद दिया जाएगा।
जगदीश शेट्टार ने आगे कहा कि मैंने भाजपा से इस्तीफा दिया और मैं कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। मेरे इस फैसले पर विपक्ष के कई नेता हैरान हैं।शेट्टार ने कहा कि भाजपा ने मुझे हर पद दिया। जब मैं बीजेपी में था तब पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा पार्टी के विकास के लिए काम किया।
गौरतलब है कि बेंगलुरू में स्थित कांग्रेस कार्यालय में सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में शामिल कराया। इस दौरान कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य नेता मौजूद रहे।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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