बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी अयानूर मंजूनाथ ने आज इस्तीफे का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा है कि मंजूनाथ विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे, इसके बाद आज उन्होंने विधान परिषद सदस्य […]
बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और एमएलसी अयानूर मंजूनाथ ने आज इस्तीफे का ऐलान कर दिया। बताया जा रहा है कि मंजूनाथ विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे, इसके बाद आज उन्होंने विधान परिषद सदस्य और बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
मंजूनाथ ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह शिवमोग्गा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आज नामांकन दाखिल करेंगे। बता दें कि शिवमोग्गा से वर्तमान में पूर्व मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा विधायक हैं। ईश्वरप्पा ने चुनाव से पहले राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था।
बता दें कि कर्नाटक की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में इस वक्त हड़कंप मचा हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने 17 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया। शेट्टार भी टिकट नहीं मिलने की वजह से बीजेपी आलाकमान से नाराज बताए जा रहे थे, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने रविवार को दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी 130 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी में असंतुष्ट नेताओं की बाढ़ आ गई है। टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। भाजपा में इस वक्त भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली ने कहा कि कर्नाटक में हार के साथ ही बीजेपी दक्षिण से सफाया हो जाएगी।
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे। इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी। वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी। जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई। जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई।
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