karnataka election : बीजेपी के लगा झटका, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने स्पीकर को सौंपा इस्तीफा

बेंगलुरू : बीजेपी ने जब से उम्मीदवारों की घोषणा की है तभी से पार्टी में बवाल मचा हुआ है. टिकट न मिलने की वजह से कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम लिए है. कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी के कद्दवार नेता जगदीश शेट्टार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. शेट्टार […]

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karnataka election : बीजेपी के लगा झटका, पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने स्पीकर को सौंपा इस्तीफा

Vivek Kumar Roy

  • April 16, 2023 4:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

बेंगलुरू : बीजेपी ने जब से उम्मीदवारों की घोषणा की है तभी से पार्टी में बवाल मचा हुआ है. टिकट न मिलने की वजह से कई नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम लिए है. कर्नाटक के पूर्व सीएम और बीजेपी के कद्दवार नेता जगदीश शेट्टार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. शेट्टार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मिलने के लिए बुलाया था लेकिन बात नहीं बनी. टिकट न मिलने की वजह से जगदीश शेट्टार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है.

कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज

विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान को प्रभारी बनाया है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शेट्टार को मनाने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. शेट्टार को लिंगायत समुदाय से आते है शेट्टार की लिंगायत समुदाय में अच्छी-खासी पकड़ थी. शेट्टार 6 बार से विधायक थे. इस्तीफा देने के बाद शेट्टा ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद ने कहा कि शेट्टार कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं. अगर वे कांग्रेस में आना चाहते है तो उनका स्वागत है.

कित्तूर कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का दबदबा

इस इलाके को पहले मुंबई कर्नाटक के नाम से जाना जाता था. लेकिन मुंबई और कर्नाटक के बीच 2021 में सीमा विवाद हुआ था उसके बाद सीएम बसवराज बोम्मई ने मुंबई कर्नाटक का नाम बदलकर कित्तूर कर्नाटक कर दिया. कित्तूर कर्नाटक में लिंगायुत समुदाय का दबदबा रहा है जिस वजह से बीजेपी की यहां पर मजबूत पकड़ है. बीजेपी के वरिष्ठ और दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा और मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई लिंगायत समुदाय से आते हैं. इस इलाके में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा पानी है क्योंकि यहां पर पानी की बहुत बड़ी समस्या है.

2013 में जब येदियुरप्पा पार्टी से अलग हो गए थे तब कांग्रेस को फायदा मिला था. इस इलाके में विधानसभा की 28 सीटें है. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 28 सीटों में से 14 सीटें और बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं जेडीएस के खाते में 4 सीटें गई थी. येदियुरप्पा जब पार्टी में लौटे तो फिर से यहां पर दबदबा बढ़ गया और जेडीएस का सफाया हो गया.

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