बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव में पार्टियों के नेता धुआंधार प्रचार कर रहे है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक दौरे पर है. विधानसभा चुनाव में लिंगायत समुदाय अपनी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने बीजेपी का साथ छोड़कर […]
बेंगलुरू : विधानसभा चुनाव में पार्टियों के नेता धुआंधार प्रचार कर रहे है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी कर्नाटक दौरे पर है. विधानसभा चुनाव में लिंगायत समुदाय अपनी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. लिंगायत समुदाय के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. शेट्टार के जाने से बीजेपी को डर है कि लिंगायत समुदाय के वोटर कहीं बीजेपी से नाराज न हो जाए. शेट्टार का लगभग 30 सीटों पर पकड़ है.
प्रदेश में 17 प्रतिशत लिंगायत समुदाय के वोटर है. कांग्रेस इस बार लिंगायत समुदाय को लुभाने के लिए लिंगायत समुदाय के नेताओं को अधिक टिकट दिया है. क्योंकि 1991 के बाद से लिंगायत समुदाय के वोटर कांग्रेस से बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गए थे. क्योंकि उस समय के पीएम राजीव गांधी ने प्रदेश के सीएम वीरेंद्र पाटिल को सीएम के पद से हटा दिया था जिसके बाद लिंगायत समुदाय कांग्रेस ने नाराज हो गया था.
बीजेपी ने लिंगायत समुदाय को साधने के लिए पुर जोर कोशिश कर रही है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा लिंगायत समुदाय के मठों मे जाकर वहां पर पदाधिकारियों से मुलाकात की. बीजेपी अध्यक्ष ने पूर्व बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार के इलाके में जाकर वहां पर जनता से संवाद किया.
इस इलाके में नाथ संप्रदाय की संख्या ज्यादा हैं इसको देखते बीजेपी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए उतार सकता है. बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और इस इलाके के बड़े नेता माने जाते है लेकिन वे काफी दिन से खामोश है. ये इलाका नाथ संप्रदाय के गढ़ माना जाता है यहां पर मंगलुरू का कदाली मठ है. इस इलाके में कांग्रेस को कुछ ज्यादा अब तक सफलता नहीं मिली है.
लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से येदियुरप्पा अलग हो गए थे तब बीजेपी को नुकसान हो गया था और कांग्रेस ने बढ़िया प्रदर्शन किया था. इस क्षेत्र में 19 सीटें है और 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 14 सीटों पर दर्ज की थी. वहीं बीजेपी ने 4 और अन्य के खाते में 1 सीट गई थी. लेकिन जब येदियुरप्पा बीजेपी में वापस लौटे तो फिर से बीजेपी ने यहां पर कमाल कर दिया.