बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे नेताओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और 6 बार के विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस के कई नेता […]
बेंगलुरू : कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे नेताओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और 6 बार के विधायक एन वाई गोपालकृष्ण ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी और जेडीएस के कई नेता हमारा दरवाजा खटखटा रहे है. इससे अंदाजा लग रहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जेडीएस के विधायक शिवलिंगे गौड़ा भी इस्तीफा दे चुके है वे बहुत जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का क्षेत्र है. इस पूरे क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी का ही दबदबा रहा है वहीं जेडीएस का यहां पर कोई जनाधार नहीं है. ये क्षेत्र कांग्रेस के लिए जीतना इसलिए भी जरुरी है क्योंकि खरगे यहां से आते है. इस क्षेत्र में जीत दिलाने का सारा दारोमदार खरगे के ऊपर है. हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में बंजारा, दलित , ओबीसी और लिंगायत समुदाय का तादाद ज्यादा है. ये समुदाय किसी भी पार्टी का खेल बिगाड़ने की ताकत रखते है. हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में 40 सीटें आती है. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बंपर जीत दर्ज करते हुए 22 सीटों पर कब्जा किया था. वहीं बीजेपी 7 और 6 सीटों पर जेडीएस ने जीत दर्ज की थी. इस क्षेत्र में रेड्डी बंधुओं का दबदबा रहा है.
इस क्षेत्र में पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा का दबदबा रहा है. इस क्षेत्र में लिंगायत समुदाय का काफी दबदबा रहा है. पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा शिवमोगा जिले से आते है इसी वजह से बीजेपी का शिवमोगा और चिकमंगलूर जिलों में दबदबा रहता है. 2013 में इस क्षेत्र में बीजेपी बहुत बुरी तरह हारी थी और 2018 में कांग्रेस का हार का स्वाद चखना पड़ा था. सेंट्रल कर्नाटक में 27 विधानसभा सीटें है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 21 सीटें और कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. जेडीएस सेंट्रल कर्नाटक में खाता भी नहीं खोल पाई थी.